सरकार ने मल्टीलेवल मार्केटिंग (MLM) कंपनियों के व्यापार को अप्रत्यक्ष रूप से झटका देते हुए उत्पाद बिक्री के एवज में एजेंटों को दिए जाने वाले इंसेंटिव पर पाबंदी लगा दी है।
मल्टी लेवल मार्केटिंग कंपनियां उत्पाद की कीमत के अलावा अन्य किसी भी तरह का कमिशन या प्रोत्साहन राशि नहीं दे सकेगा । कैबिनेट ने राज्य में डायरेक्ट सेलिंग बिजनस में लगी मल्टीलेवल मार्केटिंग कंपनियों के नियमन के दिशा निर्देशों को मंजूरी दे दी है।
डायरेक्ट सेलिंग एजेंट बनाने से पहले कंपनी को करना होगा लिखित करार : डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों को सीधे विक्रेता या एजेंट नियुक्त करने में शर्तें तय की गई हैं। किसी भी मल्टीलेवल मार्केटिंग कंपनी बिना तय प्रक्रिया अपनाए एजेंट नहीं बना सकेंगी। एजेंट बनने के इच्छुक व्यक्ति को पहले तय फॉर्मेट में कंपनी में आवेदन करना होगा।
आवेदन की जांच के बाद कंपनी और डायरेक्ट सेलिंग एजेंट के बीच कॉन्ट्रेक्ट एक्ट के तहत इकरारनामा करना होगा। इकरारनामे में सभी शर्तो का उल्लेख होगा। सरकार के दिशा निर्देशों का उल्लंघन करने वाली कंपनियों पर कार्रवाई करने का प्रावधान किया है।
कंपनियों पर ये रहेंगी बंदिशें
एजेंट (डायरेक्ट सेलर) के जरिए सीधी बिक्री शुरू करने से पहले डायरेक्ट सेलर को एक यूनिक नंबर देना होगा। कंपनी और डायरेक्ट सेलर जनता से किसी तरह की चिट फंड गतिविधि या जमाओं पर ब्याज देने के लुभावने ऑफर देकर पैसा इकट्ठा नहीं कर सकेंगे।
कंपनी का किसी भी एक राष्ट्रीयकृत बैंक में खाता अनिवार्य होगा। सभी टैक्स देने होंगे। वेबसाइट पर अधिकृत डायरेक्ट सेलर के नाम और पहचान संख्या दिखानी होगी। उभोक्ता शिकायत प्रकोष्ठ बनाना होगा और 7 दिन में जनता की शिकायतों का निराकरण करना होगा।
11 माह बाद उठाया कदम : 24 दिन में 13 कंपनियां की थीं सील
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