नई दिल्ली। तमाम पोंजी स्कीमों और अवैध मल्टी लेवल मार्केटिंग (एमएलएम) गतिविधियां जारी रहने से निवेशकों के धोखाधड़ी का शिकार होने के मद्देनजर सरकार इस तरह के मामलों की जांच के लिए एक केंद्रीय एजेंसी बनाने के बारे में विचार कर रही है।
इसके लिए वित्तीय सेवाओं के विभाग ने प्राइज चिटस एंड मनी सर्कुलेशन स्कीम (निषेध) कानून, 1978 में संशोधन करने के लिए विभिन्न कानून और प्रवर्तन एजेंसियों से उनके सुझाव मांगे हैं। अधिकारिक सूत्रों की मानें तो विभिन्न एजेंसियों से मिले सुझावों पर विचार किया जा रहा है।
केंद्रीय आर्थिक अपराध ब्यूरो (सीईआईबी) ने एक केंद्रीय एजेंसी की गठन पर जोर देते हुए कहा कि ये स्कीमें अपने आप में विभिन्न नियमों का उल्लंघन करती हैं। इसलिए एक केंद्रीय एजेंसी की जरूरत है जो विभिन्न एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित करे। सीईआईबी ने यह भी सुझाव दिया है कि प्रस्तावित एजेंसी को उन मामलों की जांच अपने हाथ लेने का अधिकार दिया जाना चाहिए जो विभिन्न राज्यों में चल रहे हैं।
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