कम समय मे खासा मुनाफा व उस बुलंदी तक पहुचने मे, जिसकी अक्सर हम कल्पना करते है, Network Marketing से बेहतर कोई अन्य रास्ता शायद ही होगा। देखते ही देखते नेटवर्क मार्केटिग ने आज इंडस्ट्री का रूप ले लिया है, जिसे हम MLM यानि की Multi Level Marketing के नाम से भी भली भांति परिचित है। तो आइए हम इसके बारे मे कुछ बात करतें है, और इसको समझने की कोशिश करते हैं……. आज इस इंडस्ट्री का दायरा सीमित न होकर बल्कि दुनिया भर मे इसका नेटवर्क फैल गया है।
इसके साथ ही नेटवर्क मार्केटिंग/MLM ने एक आम आदमी को बडी ही आसानी से आर्थिक मदद देने का सिस्टम निर्धारित कर लिया है….. और देखते ही देखते देश का हर महत्वकांक्षी युवा वर्ग इस व्यापार से जुडता चला गया। हालांकि दुर्भाग्यवश इस इंडस्ट्री से जितनी उम्मीद लगाई थी, उसके विपरीत यह इंडस्ट्री चुनिंदा धोखाधडी करने वाली कंपनियों की वजह से सामाजिक आलोचनाओ का केंद्र के रूप मे उभर कर सामने आई……..जिसकी वजह से बहुत से युवाओ की महत्वकंक्षओ पर पानी फेर दिया।
आइए इस बिजनेस मे हो रहे गडबड झाले को कुछ शब्दो मे समझने की कोशिश करेंगे….. कारण एक…… कुछ शातिर लोगो का गलत काॅंसेप्ट को मार्किट मे लाना। इस तरह के कांसेप्ट हमेशा मार्किट में चलते रहतें है । जैसे, नॉन वर्किंग ग्रोथ प्लान, इन्वेस्टमेंट प्लान, कोई ऑनलाइन काम के बदले पैसा बाँटना, ऑनलाइन सर्वे कराना, व ईमेल के झमेले इत्यादि, रोज़ाना, सप्ताह में या हर महीने प्रतिशत में पैसा बाँटना, हेल्प के बहाने पैसा इधर से उधर कराना, यह सब केवल और केवल मनी सर्कुलेशन है, जब तक इनपुट अच्छा आता है ये चलता है जैसे ही इनपुट कम हुआ ये स्कीम बंद हो जाती है, और जाते जाते ये कंपनियां मोटा पैसा बटोर ले जाती हैं ।
ये शातिर कंपनियां उन लोगों की मुर्खता भरी सोच को कैश करतें है, जो सोचतें हैं कि बगैर कुछ करे जीवन भर मोटा पैसा मिलता रहे । और इस घटिया सोच की वज़ह से बहुत से लोग नुक्सान उठा जाते हैं। इस तरह की हर कंपनी जोखिम भरी होती हैं, क्योंकि जिस कांसेप्ट में कोई चीज़ खरीदी या बेचीं नहीं जाती वो बिजनेस नहीं कहलाता है………
Network Marketing में ज्यादातर कंपनियों के प्लान इस तरह के होते हैं कि लोग ज्यादा से ज्यादा प्रोडक्ट सेल करें इसके लिए प्लान में खूब लालच पिरोया जाता है । ऐसी स्थति में एसोसिएट की भूमिका एक सेल्समेन की जैसी बन जाती है, बिजनेसमैन बिलकुल नहीं….बिजनेस का तरीका या सिस्टम भी ऐसा व्यवहारिक होना चाहिए कि आम आदमी उसे आसानी से कर सके, अन्यथा लोग असफल होते रहेंगे।
अक्सर देखने में आता है कि किसी बिजनेस कांसेप्ट के बारे में क्या सही है क्या गलत है या क्या करना चाहिए क्या नहीं अथवा कैसे करना चाहिए, ये सभी बातें वो लोग भी नहीं जानते जो अपने आप को बड़ा बिज़नेस लीडर समझते हैं। वो लोग लीडर होने का मतलब बस यही समझते है कि कम्पनी से सेटिंग कर लेना और लोगों के विश्वास की बलि चढ़ा देना।
केवल बिजनेस में दिखाई गई इंकम को ही नहीं देखते। बल्कि बिजनेस का नेचर, ग्रोथ रेट, Business Plan, बिजनेस का स्थायित्व, उत्पाद की उपयोगिता आदि भी देखते हैं। मार्किट में बहुत सी कंपनियां बड़े टर्न ओवर वाली और ज्यादा प्रोडक्ट रेंज वाली भी होती हैं। लेकिन उनका जॉइनिंग अमाउंट बड़ा होता है या वो वर्किंग फ्रेंडली नहीं होती, वर्किंग फ्रेंडली का न होने का मतलब वो प्लान जिसमे कम्पनी का प्लान अन. नेचुरल होना, उत्पाद का अन उपयोगी होना या गुणवत्ता खराब होना, प्लान का स्पस्ट न होना, कई तरह की इंकम में उलझा प्लान इन सभी समस्याओं की वज़ह से लोग बिजनेस को असहज महसूस करते हैं और मन से काम नहीं कर पाते व पैसा नहीं कमा पाते। इसीलिए बहुत सी बड़ी कंपनियों में लोग थोडा काम करके छोड़ भी देते हैं।
अगर आपके पास भी मल्टी लेवल मार्केटिंग (MLM) से जुडी कुछ जानकारी है या फिर आप विचार शेयर करना हैं तो कमेंट बाक्स मे जाकर कमेंट कर सकतें हैं।
deepakwellhumanbeing says
aapne bhaut acchi jaankari di sir please also suggest any mlm company jo appke scales par khari utar rahi ho india me