PACL ग्रुप की Pearl Agrotech कंपनी आरबीआई के दिये हुऐ दिशा निर्देशो के विपरीत काम करती पाई गई है। जेसे संज्ञान मे लेते हुऐ सीआईडी ने इसका लाइसेंस सीज कर दिया है । इस बात की खबर सुनने का बाद इसके निवेशक सकते मे पड गऐ है, क्योंकी अभी तक 1लाख से ज्यादा निवेशक इसमे अपनी सालो की कमाई हुई रकम लगा चुके है।बे रोक टोक के शहर भर मे अलग अलग नाम से चल रही चिटफंड कंपनियो पर संबधित प्रशासन का शिकंजा कसता देख अब इसके निवेशको सकते मे पड़ गऐ है, उनको अब यह प्रतीत हो रहा है कि अब उनके द्धारा जमा कराई गई रकम कभी भी डुब सकती है। कोर्ट की सख्ती के बाद भी पर्ल एग्रोटेग लिमिटेड, सांई प्रसाद, सक्षम डेयरी, सहारा एवं किम फ्यूचर विजन जैसी अन्य प्रमुख कंपनियां धड़ल्ले से नॉन बैंकिंग व्यवसाय की जड़ें मजबूत करने में लगी हैं। वहीं सीआईडी ने पर्ल एग्रोटेग लिमिटेड के शिवपुरी स्थित दफ्तर पर छापा मारकर लैंड संबंधी दस्तावेज जब्त कर जांच शुरू कर दी है।
3 करोड से गिरकर पहुुंची 80 लाख पर
पर्ल एग्रोटेग कंपनी के ब्रांच मैनेजर दिनेश भार्गव की माने तो उनका कहना है कि साल 2011 मे कंपनी की शिवपुरी ब्रांच से लगभग 3 करोड रुपए प्रतिमाह का व्यवसाय बाजार से उठाती थी, लेकिन जब से कोर्ट और पुलिस का चक्कर पडा है तब से यह सिकुडकर 3 करोड से 80 लाख पर आ गया है। इतना ही नही कंपनी 2011 की पुलिस कार्यवाही के बाद निवेशको को 200 करोड रुपए वापस भी कर चुकी है। प्रशासनिक कार्यवाही के बाद कई चिटफंड कंपनियो पर लगे ताले इलाके से लगातार मिल रही निवेशको की शिकायत के बाद संबधित प्रशासन हरकत मे आ गया है।
जिसके जवाब मे संभाग में बीपीएन रियल स्टेट एवं एलाइट, परिवार डेयरी, सक्षम डेयरी, केएमजे लैंड डेवलपर्स जैसी चिटफंड कंपनियों के दफ्तर जिले में पूरी तरह से बंद किऐ जा चुके है। परंतु पर्ल एग्रोटेक, सहारा इंडिया, किम फ्यूचर विजन, सांई प्रसाद जैसी अन्य नामचीन कंपिनयां अभी भी अपने नाम का सहारा लेकर भोले-भाले ग्रामीणों को निशाना बनाकर पैसा वसूल रहे है। जिले में अब तक लगभग 1 लाख से ज्यादा लोगों का पैसा इन कंपनियो मे फंसा हुआ है।
पैसा लेकर नही दी जमीन की रजिस्ट्री
पर्ल एग्रोटेग कंपनी की तरफ से लोगों को भूखंड का टुकड़ा आवंटित करने के नाम पर आरडी, एफडी का व्यवसाय किया जा रहा है। आरबीआई की गाइड लाइन के मुताबिक सेबी से अनुमति प्राप्त आरबीआई से रजिस्टर्ड संस्थाएं ही जनता से पैसे लेने का काम कर सकती है। यहां पीएसीएल जैसी कंपनियां जमीन के टुकड़े को दिखाकर आरडी, एफडी कर रही हैं लेकिन अभी तक किसी के नाम की रजिस्ट्री नही कि है। जिसे प्रशासन सही न मानकर उनके भूमि आवंटन संबंधी कागजों की जांच कर रहा है।
सीआईडी ने अन्य जगह पर मारे छापे
मामले मे ठगी की भनक पड़ते ही प्रदेश मे सीआईडी की टीम ने पर्ल एग्रोटेग के भोपाल, रीवा, कटनी, छतरपुर, सागर, छिंदबाड़ा सहित कई अन्य दफ्तरों पर छापेमारी करके लाइसेंस सीज कर दिया है। शिवपुरी के झांसी तिराहा स्थित दफ्तर पर भोपाल से आए सीआईडी के अफसरों ने करीब तीन माह पहले लैंड रिकॉर्ड से संबंधित दस्तावेज जब्त कर कार्यवाही के लिए अपने साथ ले गए।
मामले पर रोशनी
- मामले पर कार्यवाही के बाद भी 8 से ज्यादा चिटफंड कंपनियां अब भी जिले में संचालित हैं।
- 1 लाख से भी अधिक निवेशक दोगुने पैसे मिलने के लोभ मे अपने करोडो रुपए कंपनी मे फंसा चुके है।
- मामले के बाद भी अकेले ही पर्ल एग्रोटेग लिमिटेड में 20 से 25 हजार खाते है संचालित।
- शिवपुरी-श्योपुर हाईवे पर राजा की मुढ़ैरी के पास पर्ल एग्रोटेक का लगभग 400 से 500 बीघा का फार्म हाउस बना है, जिसे वह ठगी मे इस्तेमाल के लिए 1500 बीघा जमीन बता रहे हैं।
- सुप्रीम कोर्ट के नियमो के विरुध काम कर रही सहारा इंडिया परिवार अभी भी लोगों से पैसा लेने का काम बखुबी कर रही है। यहां दफ्तर आज भी संचालित हो रहा है।
बैकिंग व्यवसाय मे मान्यता प्राप्त कंपनी
- आरबीआई की गाइड लाइन के मुताबिक जिसे आरबीआई से बैंकिंग व्यवसाय करने का लाइसेंस प्राप्त हो या फिर पोस्ट ऑफिस या हाउसिंग फाइनेंस व्यवसाय से जुड़ी हुई ऐसी कोई भी कंपनी जिसे इरडा (IRDA), आरबीआई अथवा सेबी ने बैंकिंग व्यवसाय करने की अनुमति दे रखी हो।
मामले मे क्या है ब्रांच मैनेजर का कहना
ब्रांच मैनेजर ने बताया की लगभग 3 महीेने पहले कंपनी के दफ्तर पर सीआईडी ने रेड मारी थी ।जिसमे जमीन से संबधित कागजो को साथ मे लेकर चले गऐ थे। और अभी जांच जारी है। दिनेश भार्गव, ब्रांच मैनेजर पीएसीएल “
मामले क्या कहती है पुलिस
एसडीओपी शिवपुरी को पर्ल ग्रुप पर कार्रवाई करने के लिए अधिग्रहित कर दिया गया है। अगले एक-दो दिन के भीतर पुलिस पर्ल के शिवपुरी स्थित ब्रांच ऑफिस पर छापा मारकर सभी शिकायत संबंधित मामलों की जांच करेगी। मामले में एसडीओपी को नोडल भी बनाया गया है।
आलोक कुमारसिंह एडीशनल एसपी, शिवपुरी
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