बेंगलुरू। 2200 करोड़ से अधिक की ठगी के मास्टरमाइंड स्पीक एशिया के प्रमुख को पुलिस ने बेंगलुरू से गिरफ्तार कर लिया है। इस शख्स की पहचान राम निवास पाल (40) के रूप में हुई। यह बेंगलुरू में अपनी पहचान छिपाकर रह रहा था। गौरतलब है कि पुलिस इस केस में कार्रवाई करते हुए पहले ही इसके भाई राम सुमीरन पाल और एक अन्य आरोपी को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
क्राइम ब्रांच के अडिशनल कमिश्नर रवींद्र यादव ने बताया कि स्पीक एशिया सहित कई इंटरनैशनल कंपिनयां बनाकर करोड़ों की ठगी के मास्टरमाइंड की मुंबई पुलिस के अलावा आंध्र प्रदेश, हरियाणा और मध्य प्रदेश पुलिस को नौ मामलों में तलाश थी। लेकिन उसका सुराग नहीं मिल पा रहा था। राम सुमीरन पाल और उसके करीबी साथी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को राम निवास पाल के बारे में कई अहम जानकारियां मिलीं। इनके आधार पर पुलिस टीम ने बेंगलुरु से उसे अरेस्ट कर लिया। गिरफ्तारी से बचने के लिए उसने अपना हेयर स्टाइल, चेहरे का लुक आदि सब बदल लिया था। वह बेंगलुरु में अभय सिंह चंदेल के नाम से रह रहा था। उसने इस नाम के अलावा अन्य कई नामों से भी फर्जी आईडी तैयार करा रखी थी।
पूछताछ से खुलासा हुआ कि उसने सिंगापुर, हॉलैंड, दुबई, इटली और ब्राजील आदि में अलग-अलग नामों से मल्टीलेवल मार्केटिंग कंपनियां रजिस्टर्ड कराईं। स्पीक एशिया भी उन्हीं कंपनियों में से एक थी। उसने अपने करीबी मनोज शर्मा की मदद से साल इसे 2010 में भारत में लॉन्च किया था। मल्टीनैशनल कंपनी का तमगा और मोटी रिटर्न का प्रलोभन देखकर हजारों लोगों ने कंपनी में अपनी पूंजी लगा दी।
अडिशनल कमिश्नर ने बताया कि राम निवास मूल रूप से शाहजहांपुर के बादशाह नगर का रहने वाला है। इस गोरखधंधे में आने से पहले उसने अपनी बी. एससी. की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी। साल 1991 में उसने एयरमैन के रूप में इंडियन एयरफोर्स जॉइन की। शुरुआत में उसकी पोस्टिंग जोधपुर में हेलिकॉप्टर यूनिट में रही। इसके बाद उसकी पोस्टिंग हैदराबाद में हुई। साल 2001 में उसने बगैर किसी सूचना के एयरफोर्स की जॉब छोड़ दी थी। कोर्ट मार्शल के बाद उसे नौकरी से भी बर्खास्त कर दिया गया था।
साल 2003 में उसने आयुर्वेदिक प्रॉडक्ट बेचना शुरू किया। उसने कंसल्टेंसी का काम भी शुरू कर दिया। इसी दौरान उसकी मुलाकात मुंबई में आईटी कंपनी चलाने वाले मनोज कुमार शर्मा से हुई। वह डायरेक्ट मार्केटिंग असोसिएशन का अध्यक्ष भी था। उसे इंटरनैशनल एजेंसी से सर्टिफिकेट भी मिला हुआ था। राम निवास ने मनोज के साथ मिलकर कई कंपनियां बनाईं। उसने सभी कंपनियों का संचालन अपने हाथ में ले लिया। उसने खुद को बेस्ट मार्केट प्लानर घोषित कर दिया। उसने इस काम में अपने भाई को भी शामिल कर लिया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि उसने बॉयोमैट्रिक पहचान से बचने के लिए अब तक अपना पासपोर्ट नहीं बनवाया था। उसने अपने सभी करीबियों से पूरी दूरी बनाई हुई थी।
अगर आपके पास भी मल्टी लेवल मार्केटिंग (MLM) से जुडी कुछ जानकारी है या फिर आप विचार शेयर करना हैं तो कमेंट बाक्स मे जाकर कमेंट कर सकतें हैं।
Leave a Reply