नई दिल्ली। देशभर में सैकड़ों लोगों के साथ करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में पुलिस ने दो नाइजीरियन नागरिकों को गिरफ्तार किया है। इनका नाम रोलेंड चुकवुदी उर्फ लुकास और स्टैलनी रेनसोम है। पुलिस ने इनके पास से 5 डेटा कार्ड, 5 पेन ड्राइव और 3 लैपटॉप बरामद किए हैं। पुलिस को अपनी पड़ताल में सामने आया कि इस गिरोह के पास 150 हजार इंडियन नागरिकों की ई-मेल आईडी थी। इनके अलावा इस गिरोह के पास यूएई के 202 हजार और ऑस्ट्रेलियन नागरिकों 190 हजार ई-मेल आईडी का रेकॉर्ड मिला है। पुलिस की शुरुआती जांच में खुलासा हुआ कि यह गिरोह देशभर में करीब 500 से ज्यादा लोगों से करोड़ों की धोखाधड़ी कर चुका है।
साउथ डिस्ट्रिक्ट के अडिशनल डीसीपी पी एस कुशवाहा के मुताबिक तमिनलाडु निवासी सुब्रमण्यम मोहन जापान में रहते हैं। उनका कोयमबटूर में एसबीआई बैंक की शाखा में एनआरआई अकाउंट है। उनके अकाउंट से नेट बैंकिंग के जरिए 70 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ था। इनमें से 60 लाख रुपये किसी चाइनीज नागरिक के अकाउंट में ट्रांसफर हुए थे और 10 लाख रुपये बदरपुर और फरीदाबाद में राजेश पांडेय और अजय पांडेय के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर हुए थे। पुलिस ने जब इन दोनों के अकाउंट की जांच की तो पता चला कि सब कागजात फर्जी हैं। पुलिस ने दोनों अकाउंट को सीज कर दिया।
जापान में रहने वाले एनआरआई नागरिक के साथ हुई धोखाधड़ी से जुड़े मामले की जांच करने के लिए तमिलनाडु की साइबर सेल की एक टीम दिल्ली पहुंची। पुलिस टीम छानबीन करती हुई महिपालपुर में एक होटल पर दबिश डालने पहुंची। होटल से पुलिस को राजू नामक शख्स मिला। पुलिस को उसके पास से भारी मात्रा में ब्लैक डॉलर वाला बॉक्स मिला। पूछताछ से पता चला कि नाइजीरियन नागरिक उसे भी 44 लाख रुपये का चूना लगा चुके हैं। उसने पुलिस को बताया कि वह नाइजीरियन नागरिक को पहचान सकता है। पुलिस ने फेसबुक से करीब 200 नाइजीरियन नागरिकों की फोटो जुटाई। उनमें से एक शख्स को राजू ने पहचान लिया। पुलिस टीम ने एक सूचना के आधार पर दिल्ली से दोनों आरोपियों को अरेस्ट कर उनके पास से भारी मात्रा में सामान जब्त किया।
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