- Consumer Protection Act-2019 के दायरे में E-Commerce Platform और Direct Selling को भी किया गया शामिल
- E-Commerce और Direct Selling से संबंधित Guidelines को जल्द कर लिया जाएगा शामिल, अभी नहीं किए गए हैं लागू
कंज्यूमर को अपने अधिकारों ( Consumer Rights ) की रक्षा के लिए नया उपभोक्ता संरक्षण कानून-2019 ( Consumer Protection Act-2019 ) के रूप नया हथियार मिल गया है। करीब 34 साल बाद नई शक्ल में सोमवार से लागू उपभोक्ता संरक्षण कानून-2019 के दायरे में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ( E-Commerce Platform ) और डायरेक्ट सेलिंग ( Direct Selling ) को भी शामिल किया गया है। हालांकि ई-कॉमर्स और डायरेक्ट सेलिंग से संबंधित प्रावधान (E-Commerce Platform and Direct Selling Guidlines) अभी लागू नहीं हुए हैं। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ( Union Minister of Consumer Affairs, Food and Public Distribution Ram Vilas Paswan ) ने सोमवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत में कहा कि उपभोक्ता अब मोबाइल फोन से भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
एक महीने में होगा शिकायत का निपटारा
उन्होंने कहा कि नए कानून की खासियत यह है कि इसमें ई-कॉमर्स कंपनियों को भी शामिल कर लिया गया है और अब उपभोक्ता ज्यादा सशक्त होंगे और अपने अधिकारों की रक्षा कर पाने में सक्षम होंगे। ई-कॉमर्स कंपनियों को किसी उत्पाद के विनिर्माण के मूल देश के नाम सहित उत्पाद के संबंध में तमाम वांछित जानकारी अनिवार्य रूप से अपने प्लेटफॉर्म पर देनी होगी। ई-प्लेटफॉर्म पर उत्पाद के संबंध में आवश्यक जानकारी देने के साथ-साथ कंपनियों को 48 घंटों के भीतर किसी भी उपभोक्ता शिकायत की प्राप्ति स्वीकार करनी होगी और शिकायत की प्राप्ति की तारीख से एक माह के भीतर निवारण करना होगा। उन्हें उत्पाद वापस करने, धनराशि वापस करने, उत्पाद विनिमय, वारंटी और गारंटी, प्रदायगी और शिपमेंट, भुगतान के तरीकों, शिकायत निवारण तंत्र, भुगतान माध्यमों, भुगतान माध्यमों की सुरक्षा, प्रभार वापसी के विकल्प, आदि से संबंधित जानकारी भी देनी होगी।
इस सप्ताह के आखिर तक आ जाएंगी ई-कॉमर्स गाइडलाइन
उपभोक्ता मामले विभाग में सचिव लीना नंदन ने बताया कि ई-कॉमर्स संबंधी प्रावधानों की अधिसूचना इस सप्ताह के आखिर तक जारी हो जाएगी, जबकि डायरेक्ट सेलिंग से संबंधित नियमों की अधिसूचना बाद में जारी होगी। नए कानून में उपभोक्ता संरक्षण परिषद, केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए), सरलीकृत विवाद प्रतितोष तंत्र, मध्यस्थता, उत्पाद दायित्व, ई-कॉमर्स और प्रत्यक्ष बिक्री संबंधी नियम, उत्पादों में मिलावट या नकली उत्पादों की बिक्री के लिए जुर्माना व जेल की सजा का प्रावधान है।
सीसीपीए के पास ये होंगी पॉवर्स
सीसीपीए पर उपभोक्ताओं के अधिकारों का संवर्धन, संरक्षण और प्रवर्तन करने के साथ-साथ उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन की जांच करने और शिकायत दर्ज करने अभियोजन चलाने, असुरक्षित वस्तु और सेवाओं को वापस लेने, अनुचित व्यापार प्रथाओं और भ्रामक विज्ञापनों को जारी न रखने का आदेश देने, भ्रामक विज्ञापनों के विनिर्माताओं/समर्थनकर्ताओं/प्रकाशकों पर जुर्माना लगाने की शक्तियां होंगी।
इन लोगों के पास होंगी सीसीपीए की शक्तियां
नए कानून में केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण परिषद के गठन का प्रावधान किया गया है, जो उपभोक्ता संबंधी विषयों पर एक परामर्शी निकाय है। इसकी अध्यक्षता केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री करेंगे और राज्य मंत्री इसके उपाध्यक्ष होंगे और विभिन्न क्षेत्रों के 34 गणमान्य व्यक्ति इसके सदस्य होंगे। उत्तर, दक्षिण, पूर्वी, पश्चिमी और पूर्वोत्तर प्रत्येक क्षेत्र के दो राज्यों के उपभोक्ता मामलों के प्रभारी मंत्री भी शामिल होंगे। परिषद का कार्यकाल तीन वर्ष का होगा।
राज्यों से लेकर जिले तक सभी को जारी होंगे निर्देश
राष्ट्रीय आयोग/राज्य आयोग एक कैलेंडर वर्ष में कम से कम एक बार क्रमश: प्रत्येक राज्य आयोग/जिला आयोग का निरीक्षण करेगा और रिपोर्ट के आधार पर, उनके कार्यकरण में सुधार करने के लिए प्रशासनिक निर्देश जारी करेगा। वहीं, राज्य/जिला आयोग को आदेश की घोषणा होने के तीन दिनों के भीतर अपनी वेबसाइटों पर अपने अंतिम आदेशों को अपलोड करना होगा। राज्य/जिला आयोग को प्रत्येक महीने की सात तारीख तक अपनी वेबसाइट पर उन लंबित मामलों, जिनमें बहस पर सुनवाई पूरी हो चुकी है, लेकिन 45 दिनों से अधिक समय बीत जाने के बाद भी आदेश नहीं दिया गया है, उनका विवरण अपलोड करना होगा।
अगर आपके पास भी मल्टी लेवल मार्केटिंग (MLM) से जुडी कुछ जानकारी है या फिर आप विचार शेयर करना हैं तो कमेंट बाक्स मे जाकर कमेंट कर सकतें हैं।
Leave a Reply