केबीसी की संपत्ति जब्त, नीलामी कर निवेशकों के पैसे लौटाएगी राज्य सरकार
मुंबई – करोड़ों रुपए का घोटाला करने वाली चिटफंड कंपनी केबीसी की संपत्ति जब्त कर ली गई है। इन संपत्तियों की नीलामी कर निवेशकों के पैसे लौटाए जाएंगे। इसके लिए उपजिलाधिकारी को नियुक्त किया गया है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा को यह जानकारी दी। बताया कि सील की गई संपत्तियों की नीलामी से 220 करोड़ रुपए मिलेंगे। इससे निवेशकों के पैसे लौटाए जा सकेंगे। सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत राकांपा के छगन भुजबल, जीतेंद्र अाव्हाड, राजेश टोपे व राणाजगजीत सिंह आदि सदस्यों ने केबीसी घोटाले का मामला उठाया था। फडणवीस इसीका जवाब दे रहे थे।
कंपनी संचालक को स्वदेश लाने का प्रयास
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस ने केबीसी के संचालक भाऊसाहेब चव्हाण को गिरफ्तार कर उसका पासपोर्ट जब्त किया था। पर चव्हाण ने अदालत में चुनौती दी। अदालत ने पुलिस को पासपोर्ट वापस करने का निर्देश दे दिया और पासपोर्ट वापस मिलते ही वह सिंगापुर भाग गया। पुलिस उसे सिंगापुर से वापस लाने का प्रयास कर रही है। इंटरपोल के माध्यम से सिंगापुर प्रशासन से बातचीत की जा रही है।
मुंबई में हर माह 250 करोड़ के घोटाले, पर नहीं होती कार्रवाई
छगन भुजबल ने कहा कि केबीसी कंपनी ने नाशिक, हिंगोली, नांदेड़, औरंगाबाद, बीड़ सहित राज्य के अन्य हिस्सों में निवेशकों के करोड़ों रुपए हड़प लिए हैं। पर पुलिस अभी तक कंपनी के मालिकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकी। पैसे वापस न मिलने पर अभी तक 6 निवेशक आत्महत्या कर चुके हैं।
उन्होंने कहा कि मुंबई में हर माह इस तरह से 250 करोड़ के घोटाले हो रहे हैं। हाल ही में एनएससीएल के 13 हजार निवेशक 5600 करोड़ रुपए गवां चुके हैं। इसी तरह निवेशक स्पीक एशिया, लिमोजीन जैसी कई फर्जी योजनाओं में निवेश कर लुट रहे हैं। लेकिन पुलिस दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पाती।
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