चिटफंड मामलों में सेबी तेज करेगा कार्रवाई
मार्केट रेगुलेटर सेबी चिटफंड स्कीम्स पर कार्रवाई तेज करने जा रहा है। साथ ही सेबी डीम्ड आईपीओ के मामलों में कार्रवाई तेज करने जा रहा है। खबर है कि सेबी अगले 2 महीने में 40 से 50 मामलों में ऑर्डर पास करेगा।
पिछले 2 सालों में सेबी ने कलेक्टिव इनवेस्टमेंट स्कीम यानी सीआईएस के 125 मामलों में ऑर्डर पास किए है। बचे हुए मामलों पर सेबी 2 महीने में ऑर्डर जारी कर सकता है। नए कंपनी कानून के मुताबिक 200 लोगों से ज्यादा रकम जुटाने को डीम्ड पब्लिक इश्यू माना जाएगा और ये सेबी के दायरे में आएगा।
100 करोड़ से ज्यादा रकम जुटाने के मामले सीआईएस में आते हैं। 2011 में सहारा ग्रुप की कंपनियों के खिलाफ ऑर्डर पास किया था और सहारा ग्रुप को निवेशकों को 24,030 करोड़ रुपये लौटाने का आदेश दिया था।
अप्रैल 2013 में सेबी ने सारदा रियल्टी को स्कीम बंद करने और सारदा को निवेशकों के पैसे लौटाने का आदेश दिया। 2014 में पर्ल एग्रोटेक(PACL) को निवेशकों के पैसे लौटाने का आदेश दिया। पर्ल एग्रोटेक ने निवेशकों से करीब 50,000 करोड़ रुपये जुटाए थे।
इसके अलावा सेबी ने रोजवैली को भी निवेशकों के पैसे लौटाने को कहा था। सेबी के इस फैसले से जानकार भी काफी खुश हैं। सेबी के पूर्व ईडी जे एन गुप्ता के मुताबिक अभी तक कानून में खामियों के फायदा उठाकर सीआईएस स्कीमें सेबी के दायरे से बाहर निकल जाती थीं लेकिन अब ये नहीं हो पाएगा। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि निवेशकों के हितों के लिए ऐसे मामलों में बैंकों की भूमिका भी बराबर की है।
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