त्रिपुरा में चिटफंड की CBI जांच की मांग
अगरतला- कांग्रेस ने त्रिपुरा में सभी अवैध गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) तथा चिटफंड संगठनों की गतिविधियों की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की है।
कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि राज्य में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता तथा सदस्य चिटफंड समूह की गतिविधियों में संलिप्त हैं। वहीं वाम पार्टी ने इन आरोपों का खंडन किया है। कांग्रेस ने यह मांग पार्टी नेताओं के राज्यपाल पी.बी.आचार्य से शनिवार को मुलाकात के बाद की है।
विपक्षी नेता सुदीप रॉय बर्मन ने संवाददाताओं से कहा, ‘हमने राज्यपाल से अपील की है कि त्रिपुरा में सभी अवैध गैर बैंकिंग कंपनियों तथा चिटफंड संगठनों की गतिविधियों की हर पहलू की जांच सीबीआई से कराने के लिए वह केंद्र सरकार से आग्रह करें।’ उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री माणिक सरकार व माकपा के कई नेताओं ने चिटफंड संगठनों द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में शिरकत की है।’
कांग्रेस ने शुक्रवार को एक बुकलेट जारी किया, जिसमें अवैध गैर बैकिंग कंपनियों तथा चिटफंड कंपनियों की गतिविधियों का जिक्र और तस्वीरें हैं। पार्टी ने घोषणा की है कि त्रिपुरा में चिटफंड कंपनियों के फर्जीवाड़े की सीबीआई से जांच का आग्रह करने के लिए वह जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेगी। बर्मन ने कहा, ‘यदि केंद्र सरकार हमारी मांग को स्वीकार नहीं करेगी, तो हम दिल्ली में धरना-प्रदर्शन करेंगे।’
कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए माकपा के राज्य सचिव बिजन धर ने कहा कि त्रिपुरा की वाम मोर्चे की सरकार देश की पहली सरकार है, जिसने अवैध गैर बैंकिंग कंपनियों तथा चिटफंड संगठनों की अवैध गतिविधियों पर लगाम के लिए कानून लाई है और इन गतिविधियों की जांच के लिए वह बराबर सीबीआई से कहती रही है। उल्लेखनीय है कि त्रिपुरा सरकार ने 2013 में एनबीएफसी तथा चिटफंड कंपनियों से संबंधित 37 मामलों में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी जिनमें से केंद्रीय जांच एजेंसी ने मात्र पांच मामलों में कार्रवाई की।
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