नई दिल्ली। रेलवे ने अपने टिकट बुकिंग प्रणाली में खामियों को दूर करने के लिए नए-नए तरीके अपनाए, लेकिन इसके बावजूद लोग सिस्टम को धता बताकर गलत तरीके रेल टिकट बनवाने का कारोबार चला रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने हाल ही में ऐसे ही एक रैकेट को पकड़ा है जो पिछले तीन साल में करीब 4000 लोगों को गलत तरीके से रेल टिकट हथियाकर बेचे हैं। दिल्ली पुलिस का दावा है कि इस रैकेट के मास्टरमाइंड सहित दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
M.Com डिग्री धारक विवेक कुमार सिंह से पहले ही सेलेक्ट नामों से रेल ई टिकट बना लेते थे। और यात्रियों को अपने जाल में फंसाकर ये टिकट यात्रा के समय बेचते थे, यही नहीं, ये यात्रियों को टिकट के साथ फर्जी आईडी कार्ड भी देते थे, ताकि यात्री को समस्या न हो। इसके बदले ये यात्रियों से टिकट की मौजूदा लागत से तीगुना दाम वसूलते थे। यही नहीं, पकड़ने जाने से बचने के लिए ये यात्रियों को एसी-2 में सफर करने की सलाह देते थे। विवेक के कंप्यूटर लैब से पुलिस कई अहम सबूत मिले। जिसके सहारे ये फर्जी आईडी कार्ड बनाता था।
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में दिल्ली कंप्यूटर शिक्षक विवेक कुमार सिंह (32) और रविंदर सिंह (22) को गिरफ्तार कर लिय़ा है। दोनों की पहचान चचेरे भाई के रूप में हुई है। दिल्ली के बदरपुर इलाके से इनके ठिकाने से 15 ई-टिकट और 4 जाली आईडी कार्ड बरामद हुए।
पुलिस के मुताबिक जांच में पता चला है कि इन्होंने 25 IRCTC में लॉगिंग बनाए हुए हैं। पुलिस को इनके 12 ईमेल आईडी के बारे में पता चला है। पुलिस को इनसे एक मोबाइल बरामद हुआ जिसमें लगा सीम भी फर्जी आईडी से लिया गया था। यही नहीं, लोगों को टिकट के साथ देने वाले फर्जी वोटर आईडी कार्ड सभी एक ही कंप्यूटर से बनाए गए थे। सभी के आईपी एड्रैस एक ही है। इन दोनों से अब 4000 लोगों को इस फर्जी तरीके से टिकट बनाकर दिए हैं।
इसके लिए दिल्ली पुलिस की एक स्पेशल टीम गठित की गई थी। टीम के एक लोग जो फर्जी टिकट खरीददार बनकर इनके पास गए और इनसे टिकट लिया, जिसके बाद पुलिस ने इन्हें धर दबौचा। ये अधिकतम दो महीने पहले ही टिकट बनवा कर रख लेते थे, ये ज्यादातर बिहार जाने वाले लोगों को अपना शिकार बनाते थे।
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