नई दिल्ली। कॉरपोरेट और निवेश क्षेत्र में बढ़ते फर्जीवाड़े से परेशान अब सरकार इन गलत कामों लिप्त लोगों के नाम सार्वजनिक करने पर विचार कर रही है। बैंक और बाजार नियामक सेबी की ओर डिफॉल्टरों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई हो रही है। कंपनी मामलों के मंत्री सचिन पायलट ने कहा कि उनका मंत्रालय भी ऐसी कार्रवाई पर विचार कर रहा है। पायलट ने कहा कि सेबी ने डिफाल्टरों के नाम अपनी वेबसाइट पर डाल दिया है। उन्होंने भी अपने मंत्रालय में ऐसा करने पर विचार कर रहे हैं लेकिन इस पर अंतिम फैसला कानूनी पहलुओं पर विचार के बाद ही लिया जाएगा।
गौरतलब है कि बैंकों ने जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वाले डिफॉल्टरों के नाम और फोटो समाचार पत्रों में प्रकाशित करवाकर इन्हें आइना दिखाने का काम शुरू कर दिया है। बाजार नियामक सेबी ने भी ऐसे सभी डिफॉल्टरों की सूची सार्वजनिक की है, जिनके खिलाफ नियामक ने अब तक कार्रवाई की है। पायलट ने कहा कि बैंकों और सेबी की कार्रवाई को आगे बढ़ाने में मुझे खुशी होगी और मंत्रालय इन विकल्पों पर विचार कर रहा है। यूरोप और अमेरिका सहित अन्य देशों में भी यही प्रक्रिया अपनाई जाती है।
देश में करीब 10 लाख रजिस्टर्ड कंपनियां है। कंपनी मामलों के मंत्रालय को कंपनी कानून का उल्लंघन या धोखाधड़ी करने वाली कंपनियों और उनके प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार है। पायलट ने कहा कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें कुछ लोगों ने कंपनी बनाई और धोखाधड़ी करके दूसरे राज्यों में चले गए। इसके बाद दूसरी कंपनी बनाकर वहां भी फर्जीवाड़ा किया। ऐसे मामलों को रोकने के लिए अब हम सूचनाओं को साझा करने पर जोर दे रहे हैं। ताकि एक बार धोखाधड़ी करने वाले व्यक्ति को देश में कही भी धन जुटाने से रोका जा सके।
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