परिवार डेयरी से बिलखते हुए लौट रहे लोग
Madhya Pradesh»Itarsi» शहर के पांचवीं लाईन स्थित एक चिटफंड कंपनी के दफ्तर में सोमवार दोपहर को एक महिला दहाड़े मार कर रोने लगी और कंपनी को कोस-काेस कर अपना सिर पीट रही थी।
इस महिला ने बताया कि उसे इस कंपनी से 6 हजार रुपए लेना है और वह इंदौर से आई। उसे 10 अप्रैल की तारीख भुगतान चेक के लिए दी गई थी, लेकिन जब वह इस चिटफंड कंपनी परिवार डेयरी के दफ्तर पहुंची तो यहां पर कर्मचारी के नाम पर सिर्फ एक चपरासी ही मिला। यहां पर काम करने वाली मैनेजर ने उसे भुगतान का चेक देने के लिए दस अप्रैल की तारीख दी थी। इसी तरह यहां सोमवार को लगभग एक दर्जन से अधिक लोग अपने क्लेम भुगतान को लेकर आए मगर वे भी गुस्से में कंपनी को गालियां बकते हुए या इस महिला की तरह रोते हुए वापस गए। पिछले 6 माह से कंपनी द्वारा बकायादारों से क्लेम प्रकरण बनवाकर चेक से भुगतान करने का आश्वासन दिया जा रहा था, अब जब लोगों को चेक देने का समय आया तो इटारसी आफिस में काम करने वाली मैनेजर और एक कम्प्यूटर आॅपरेटर भी नदारद हो गए और लोगों का गुस्सा झेलने के लिए एक चपरासी रह गया।
इसकी शिकायत करना चाहिए
लोगों के साथ इस तरह का धोखा हो रहा हैं तो उन्हें खुलकर सामने आना चाहिए और कंपनी की शिकायत करना चाहिए है। हमें शिकायत मिलने पर ही हम कुछ कर पाएंगे।
महेंद्र सिंह चौहान, टीआई इटारसी
मालिक फरार, मैं कहां से दंू
मै डायरेक्टर हूं हमारा पैसा तो शासन के कब्जे में है और मालिक बंसतलाल फरार है मैं कहां से दू जितना हो पा रहा है उतना लौटाने की कोशिश कर रहा हूं अब जो होगा वही किया जा सकता है मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं कह सकता हूं।
राकेश सिंह नरवारिया, कंपनी डायरेक्टर ग्वालियर
यहां कोई मिलता ही नहीं
मेरे 6000 बकाया है जो रसीद दी थी उसमें 10 तारीख दी थी। मैं दो बार आ चुकी हूं। यहां पर कोई नहीं मिलता है। जो कागज थे वे भी क्लेम प्रकरण बनाने के नाम पर ले लिए।
पुष्पाबाई, संगम नगर इंदौर
एक माह से लगा रहा चक्कर
मेरा 38 हजार का क्लेम है और मै क्लेम के लिए पिछले एक माह से चक्कर लगा रहा हूं लेकिन इस ऑफिस में कोई जवाबदार ही नहीं मिलता है। अब मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि इस क्लेम की रसीद का क्या करूं। शैलेन्द्र लोवंशी, पुराना इटारसी अपने पैसे लेने आई महिला को जब ऑफिस खाली मिला तो सोफे पर लेट कर रोने लगी।
कंपनी में हुए विवाद के बाद लोगों से पैसा जमा कराना बंद कर दिया था
यह हो रहा जमाकर्ता के साथ चेक भी हो गए बाउंस: जो पहले कंपनी ने जमाकर्ताओं को चेक दिए थे वे अब बाउंस हो गए तो लोगो ने उस समय चेक देने वाले एजेंटों को चेक ले जाकर वापस किए तो एजेंटों ने आश्वासन दिया कि कंपनी जल्द ही इन चेकों का भुगतान करने वाली है।
अब कर्मचारी ही लापता: पिछले तीन चार माह पहले जिन्हें भुगतान के लिए चेक देने का आश्वासन दिया गया और क्लेम प्रकरण बनाया गया उनको अब इटारसी ब्रांच ऑफिस में वे ही कर्मचारी नहीं मिल रहे जिन्होंने 120 दिन बाद चेक देने का आश्वासन दिया था। एजेंट भी नहीं दे पा रहे जवाब : इस कंपनी ने जिन लोगो को मोटे कमीशन पर रखकर लोगो का पैसा इंवेस्ट करवाया था अब लोग उन एजेंटों के भी चक्कर लगा रहे और लोगो को पैसा दिलाने का भरोसा दिला रहे ।
सिर्फ सोमवार को ही फोन उठाता है एमडी: जब लोगो का दबाव बढ़ने लगता है और लोग गुस्से में आ जाते है तो एजेंट ग्वालियर में रहने वाले अपने एमडी से उसके मोबाइल नंबर पर संपर्क करते तो वह भी फोन नहीं उठाता है एक एजेंट ने बिताया कि एमडी सिर्फ सोमवार को ही फोन उठाते है।
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