माइक्रो फायनेंस कंपनी बंद लेकिन होती रही वसूली
रायपुर. ओड़िशा बेस्ड कंपनी माइक्रो फायनेंस कंपनी दो साल पहले बंद हो गई लेकिन पूरे छग में इस कंपनी से जुड़े ब्रांच मैनेजर और कर्मी जमाकर्ताओं से रकम वसूल करते रहे. धोखाधड़ी की रिपोर्ट लिखाने जमाकर्ताओं ने ब्रांच मैनेजरों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया.
उल्लेखनीय है कि मौदहापारा पुलिस ने धारा 420 के तहत जुर्म दर्ज करके केवल सीजी हेड मुकुल देव बेहरा को गिरफ्तार किया. कंपनी के उन ब्रांच मैनेजरों को नहीं पकड़ा जा रहा है, जो ओड़िशा मुख्यालय में ताला लगने के बाद भी पूरे छत्तीसगढ़ में जमाकर्ताओं को धोखे में रखकर उनसे रकम वसूल करते रहे.
उक्त आरोप शास्त्री बाजार फुटकर संघ से जुड़े गरीब निवेशकों ने लगाया. निवेशकों की भीड़ विशेष अनुसंधान सेल पहुंची, जहां से प्रकरण की जांच हो रही है. आरोप है कि निवेशकों को रायपुर समेत अन्य शहरों में बताया जाता रहा कि सबके पैसे मिल जायेंगे.
कंपनी के दो दर्जन से ज्यादा ब्रांच छग के रायपुर समेत विभिन्न शहरों में लगातार काम करते रहे. उन्हें पता था कि ओड़िशा में कंपनी बंद हो चुकी है. सीबीआई की छापेमारी और सेबी की कार्रवाई जारी है. रकम वसूलने पर रोक लगा दी गई है लेकिन स्थानीय अधिकारियों ने पुराने जमाकर्ताओं को तो गुमराह किया ही, नये निवेशक तक तैयार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी.
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