मुंबई। पूंजी बाजार नियामक (सेबी) देश में विदेशी निवेशकों को लुभाने के इरादे से विदेशी संस्थागत निवेशकों के लिए नियम सरल बनाने जा रहा है। इसके लिए सेबी ने बकायदा एक पोर्टफोलियो तैयार किया है। इसके तहत ऐसे निवेशकों के लिए विदेशी पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स नाम से एक नई कैटेगरी बनाई गई है। जिसमें विदेशी संस्थागत निवेशकों और पात्र संस्थागत विदेशी निवेशकों की कैटेगरी को रखा गया है।
प्रस्तावित नए नियमों का अनुमोदन सेबी बोर्ड की कल यहां होने वाली बैठक में किए जाने की संभावना है। सेबी ने बाजार जोखिम के आधार पर एफपीआई की 3 कैटेगरी बनाई है। प्रस्तावित नियमों के तहत इसमें सबसे कम जोखिम वाली कैटेगरी के निवेशकों को किसी तरह का पंजीकरण शुल्क नहीं देना होगा। निवेशकों का पंजीकरण स्थाई रूप से होगा। इसे सेबी द्वारा किसी तरह की अनुशासनात्मक कार्रवाई की स्थिति में ही रद्द किया जा सकेगा।
सूत्रों के मुताबिक विदेशी निवेशकों के लिए एफपीआई की नई कैटेगरी बनाए जाने के बावजूद पहले से बाजार में पंजीकृत विदेशी संस्थागत निवेशक और उनसे जुड़े अन्य निवेशक पंजीकरण की अवधि तक बाजार में पूर्ववत कारेाबार जारी रख सकेंगे। एफपीआई को प्राथमिक और द्वितीय पूंजी बाजार में निवेश की पूरी छूट होगी। ऐसे निवेशक घरेलू म्युचुअल फंड, ट्रेजरी बिल, सरकारी प्रतिभूतियो, इक्विटी डेरिवेटिव्स और इंडियन डिपाजिटरी रेसीट मे भी निवेश कर सकेंगे।
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