नागपुर। श्रीसूर्य के जालसाजी में फंसे निवेशकों का धैर्य अब जवाब देने लगा है। कई निवेशकों ने वकील बीएम कार्डे के माध्यम से इस मामले से जुड़े तमाम अधिकारियों को चिट्ठी लिखकर खुदकुशी की धमकी दी है। निवेशकों ने खत में आर्थिक तंगी का जिक्र किया है। निवेशकों का कहना है कि अगर उनकी गाढ़ी कमाई वापस नहीं मिली तो वो खुदकुशी करने के लिए मजबूर हो जाएंगे। निवेशकों में अधिकांश रिटायर्ड लोग हैं। वकील ने कहा कि उनके पास ऐसे 20 निवेशकों के खत मिले हैं और कई और मिलने वाले हैं। उन्होंने ये बातें टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कही। इस इस बीच घोटाले के मुख्य आरोपी समीर जोशी को कोर्ट में पेश किया गया।
दरअसल आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने श्रीसूर्य़ घोटाले में करीब 100 करोड़ रुपये की घोटाल का अनुमान लगाया है। जबकि वकील कार्डे का कहना है कि घोटाले की रकम इससे काफी ज्यादा है। इस घोटाले का मुख्य आरोपी श्रीसूर्य फर्म के निदेशक समीर जोशी है। अभी तक 300से अधिक निवेशकों ने पुलिस में समीर जोशी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है। वकील ने कहा कि इस मामले में सबसे ज्यादा ठगी के शिकार निवेशक अमरावती, अकोला, चंद्रपुर और भंडारा से हैं।
गौरतलब है कि EOW इस मामले में जांच के बाद खुलासा किया था कि पूछताछ में समीर जोशी ने कबूल किया कि इस फर्म में 5092 निवेशकों ने 250 करोड़ रुपये निवेश किया है। वहीं EOW ने इसी हफ्ते अदालत में श्रीसूर्य फर्म में 177 करोड़ रुपये के खर्च का ब्योरा पेश किया।
वकील कार्डे ने कहा कि श्रीसूर्य कंपनी के खिलाफ उनके पास अमरावती के 260 निवेशकों की शिकायतें हैं जो MSEB कंपनी रिटायर्ड हैं। उन्होंने कहा कि MSEBकंपनी से रिटायर्ड 2300 लोगों ने अपनी रिटायर्ड की रकम श्रीसूर्य कंपनी में निवेश किया, क्योंकि कंपनी की स्कीम लोक लुभावन थी। जानकारी के मुताबिक रिटायर्ड लोगों में से हरएक ने इस कंपनी में करीब 6 लाख रुपये लगाए। इस हिसाब से 1200 करोड़ का आंकड़ा बनता है, जोकि एक बड़ी रकम है।
इसके अलावा महिंद्रा एंड महिंद्रा, बीएसएनएल और आयुध कारखाने के करीब 100 लोग हैं जिन्होंने श्रीसूर्य फर्म में निवेश किया है। हालांकि इस बारे में वकील ने पूरी जानकारी देने से मना कर दिया, उन्होंने कहा कि पहले इस बारे में अदालत में साक्ष्य सौंपे जाएंगे, उसके बाद इसकी पूरी जानकारी सार्वजनिक की जाएगी। उन्होंने ईओडब्ल्यू जांच के तरीके पर भी अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि इस घोटाले में निवेशकों की संख्या काफी ज्यादा है और रकम जो सार्वजनिक की गई है वो भी कई गुना ज्यादा है।
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