बहुचर्चित सारधा ग्रुप द्धारा करोड़ो रुपयो का चिटफंड घोटाले का मामला अब गर्माता जा रहा है। ईड़ी ( प्रवर्तन निदेशालय ) ने जांच को आगे बढ़ाते हूऐ कई संस्थाओं को सम्मन जारी किया है । इसी के साथ मनी लॉंड्रिंग के आरोप में सारधा की 140 करोड रुपये मूल्य की संपत्ति को साथ मे संलग्न किया गया है। जैसा कि जानकारी मिली है कि, केंद्रीय जांच एजेंसी ने आम जनता के समक्ष एक नोटिस जारी किया है जिसमें उनसे पूछा गया है कि यदि किसी भी व्यक्ति को “पश्चिम बंगाल या अन्य राज्यो में साराधा ग्रुप से संबंधित किसी भी तरह कि जानकारी या चल अचल सम्पती व किसी बैंक खातों की कोई जानकारी हो तो वह जांच एजांसी के समक्ष ब्यौरा प्रस्तुत कर सकता है। विवरण के साथ-साथ जांच एजेंसी के कोलकाता क्षेत्रीय कार्यालय ने हाल ही में 15 लोगों को सम्मन जारी किया है जो कि घोटाले मे धन के लेनदेन में शामिल थे। जिसे पश्चिम बंगाल, ओडिशा और असम जैसे राज्यो में बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया गया है और ठगी का शिकार बने निवेशको की शिकायत के बाद यह मामला सामने आया था।
गौरतलब है कि एजेंसी ने मामले में शामिल सीधे तौर पर लोगों से साफ कहा है कि मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत उनके बयान की रिकॉर्डिंग के लिए उनके अधिकृत प्रतिनिधियों को या उन्हे खुद 25 अप्रैल 2014 से पहले आना पड़ेगा, आम लोगो के साथ-साथ ठगी का शिकार बने पूर्व सांसद और उनके परिवार के सदस्य भी शामिल है।
गत दिनो ईडी ने सारधा ग्रुप की 105.62 करोड़ रूपए मूल्य की संपत्ति भी जब्त की है। इससे पहले भी सारधा की 35 करोड़ की संपत्ति जब्त की जा चुकी है। ईडी सूत्रों के अनुसार सारधा की जब्त संपत्तियों में 224 कंपनियों के इक्विटी शेयर, कुछ इमारतें, और इतना ही नही भूखंड के आलावा सारधा के चेयरमैन सुदीप्त सेन व उनकी पत्नी पायल सेन के नाम की बीमा पॉलिसी, और 390 बैंक खाते तथा सारधा द्वारा परिचालित न्यूज चैनल के इक्विटी शेयर भी शामिल हैं।
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