भुवनेश्वर। हजारों करोड़ रुपये के चिटफंड घोटाले में शामिल सिसोर ग्रुप के सीएमडी प्रशांत दास की जमानत अर्जी खारिज हो गई है। उधर, इंफोसमेंट डिपार्टमेंट ने प्रशांत दास के सिसोर ग्रुप के नायापल्ली HDFC बैंक के ब्रांच के लॉकर से 1000 सिल्वर के सिक्के और 212 सोने के सिक्के बरामद किए। सिशोर ग्रुप पर करोड़ों रुपये का चिटफंड घोटाले का आरोप है।
इससे पहले पिछले साल आयकर विभाग के छापे में प्रशांत दास के लॉकर से एक कुंटल चांदी के सिक्के और एक किलो से ज्यादा सोने बरामद हुए थे। उनके अन्य बैंक लॉकरों में सोने, चांदी व नकदी जमा होने की बात पुलिस ने कही थी। इस जब्ती के बाद अब कई सवाल उठाये जा रहे है, मगर यह स्पष्ट नहीं है कि दास ने ये चांदी के सिक्के जमाकर्ताओं, एजेंटों को वितरित करने के लिए या उन्हें बाजार में बेचने के लिए रखे थे।
गौरतलब है कि सिसोर के सीएमडी प्रशांत दास ने कहा था कि वे जमाकर्ताओं का पैसा लौटाना चाहते हैं लेकिन पुलिस और विजिलेंस की छापेमारी के चलते यह संभव नहीं हुआ। प्रशांत दास पर ओडिशा भर से तकरीबन एक हजार करोड़ रुपये जमाकर्ताओं से वसूलना का गंभीर आरोप है।
दरअसल सीशोर ग्रुप ने निवेशकों से करीब 1000 करोड़ रुपये जमा कराए थे, कंपनी ने पोंज़ी योजना के माध्यम से बेहतर रिटर्न का वादा किया था। वहीं जांच में पता चला है कि प्रशांत दास ने ये पैसे फिल्मों, होटल, टेलीविजन चैनलों और कई फार्म हाउसों में निवेश किए थे।
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