सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश, Pearl Group (PACL) की संपत्तियों को बेच कर वसूले जायेंगे 46 हज़ार करोड़ रुपए
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के हाल ही में कुछ दिन पहले दिए आर्डर के मुताबिक निवेशकों के 46 हज़ार करोड़ रुपये न लौटाने वाले पर्ल ग्रुप की संपत्तियों को बेच कर पैसा वसूला जायेगा. सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए एक कमिटी का गठन किया है.
मामला लगभग 17 साल पुराना है. 1998 में पहली बार सेबी ने पर्ल समूह को गैरकानूनी स्कीमों के ज़रिये पैसा उगाहने पर नोटिस भेजा था. कृषि भूमि के विकास और बिक्री के नाम पर ये पैसा पर्ल एग्रोटेक और पर्ल गोल्डन फॉरेस्ट लिमिटेड की तरफ से लिया जा रहा था.
सेबी के नोटिस के बाद पर्ल ग्रुप ने अपनी स्कीम को सेबी के अधिकार क्षेत्र के बाहर बताते हुए लंबे समय तक कानूनी लड़ाई लड़ी. आखिरकार 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को अपनी कार्रवाई जारी रखने का आदेश दिया. साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से भी पर्ल ग्रुप के मालिक निर्मल सिंह भंगू और निदेशकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को कहा.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक कार्रवाई करते हुए सेबी ने पर्ल समूह के दस्तावेजों की जांच की. इसके बाद अगस्त 2014 में सेबी ने पर्ल की इन्वेस्टमेंट स्कीम को नियमों के खिलाफ बताते हुए निवेशकों के 46 हज़ार करोड़ रुपये लौटाने का आदेश दिया. पैसे लौटाने में पर्ल ग्रुप की नाकामी के मद्देनज़र सेबी ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया.
सेबी के सुझाव पर अब सुप्रीम कोर्ट ने पर्ल समूह की संपत्तियों को बेच कर निवेशकों के पैसे लौटाने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस काम की निगरानी के लिए हाई कोर्ट के दो रिटायर्ड जजों जस्टिस राममूर्ति और जस्टिस ईश्वर की कमिटी बनाई है. सेबी की रिपोर्ट के मुताबिक पर्ल समूह की कई राज्यों में फैली लगभग 10 हज़ार संपत्तियों को बेचा जाना है. उसके अलावा उसके बैंक खातो में जमा पैसे भी ज़ब्त किये जाएंगे.
संपत्तियों की इस बिक्री से लगभग 6 करोड़ निवेशकों को उनके पैसे वापस मिल सकेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने 1 अप्रैल को हुई सुनवाई में संक्षिप्त आदेश दिया था. 24 अप्रैल को विस्तृत आदेश की कॉपी आई. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए पर्ल समूह की संपत्तियों की बिक्री ज़रूरी है.
आदेश में कहा गया है कि संपत्तियों की ज़्यादा संख्या और निवेशकों की तरफ से पैसों के अलावा ज़मीन भी दिए जाने की वजह से पैसा लौटाने की प्रक्रिया जटिल होगी. इसलिए इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट के रिटायर्ड जजों जस्टिस के राममूर्ति और जस्टिस ईश्वर की कमिटी का गठन किया है. सुप्रीम कोर्ट ने सेबी और सीबीआई को कमिटी का सहयोग करने के लिए कहा है.
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nooruddin says
Pearls GRP.se related letest news dejea
Balkishan says
Abhi tak sebi kya kar rahi hai aakhir hamare paise kab milenge sir me is samay bahut hi preshan hu ghar par barish hone par chht se pani girta hai kab take ghaas phoos me rehenge socha thha paise Milne par ghar bana lenge par abhi toh sebi ye kar rahi hai sebi WO kar rahi hai garib janta to mari ja Rahi na
shiv says
sebi kya kar rahi hai pacl ka.
jab mar jayege tab milega paisa
Bhanwr lal says
Pacl india ke taja smachar kya hein
Prashant says
माननीय मोदी जी PACL कंपनी से हम सभी का रुपया दिलवादी जिये कृपया ये गरीब किसान का पैसा है कुछ करिये कृपया
jitendra kumar says
kab tak milne wale hai pacl se paisa
Gurpinder kaur says
Give me my money p/z pack India