सुब्रत रॉय को फिर बड़ा झटका, नहीं मिली जमानत
नई दिल्ली| निवेशकों के 20 हजार करोड़ नहीं लौटाने के मामले में तिहाड़ जेल में बंद सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय को सुप्रीम कोर्ट ने फिर बड़ा झटका दिया है| उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया है| सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल इस मामले में जमानत सुरक्षित रख लिया है| साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह को दो हफ्ते का समय देते हुए पूछा है कि वह निवेशकों के पैसे कैसे चुकाएंगे|
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत राय की ज़मानत के लिए 10 हजार करोड़ रूपये सेबी के पास जमा कराने की शर्त रखी है। इसमें से आधी रकम नकद जमा करानी है और आधी रकम की बैंक गारंटी देनी है। शीर्ष अदालत ने 31 अगस्त, 2012 को कहा था कि सहारा समूह को तीन महीने के भीतर निवेशकों को 15 फीसदी ब्याज के साथ 24 हजार करोड़ रूपए लौटाने होंगे। न्यायालय ने चार मार्च 2014 से तिहाड़ जेल में बंद 65 वर्षीय सुब्रत राय से 26 मार्च 2014 को कहा था कि जमानत पर रिहाई के लिये उन्हें दस हजार करोड़ रूपए का भुगतान करना होगा जिसमें से पांच हजार करोड रूपए नकद और इतनी ही राशि की बैंक गारंटी देनी होगी।
इससे पहले की सुनवाई के दौरान निवेशकों को देय शेष राशि के भुगतान का मसला भी उठा क्योंकि धन लौटाने के सहारा समूह के दावे पर सेबी ने सवाल उठाये हैं। सेबी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अरविन्द दातार ने कहा कि निवेशकों को धन लौटाने के बारे में सहारा समूह के परस्पर विरोधी दावे रहे हैं और शीर्ष अदालत ने भी इससे सहमति व्यक्त की थी। शीर्ष अदालत ने 23 मार्च को पहली नजर में संतोष व्यक्त करते हुये सहारा समूह को राय की रिहाई हेतु दस हजार करोड रूपए की व्यवस्था के लिये विदेश में स्थित संपत्तियों को बेचने के लिये तीन महीने का समय दे दिया था। न्यायलय ने कहा था कि यदि संपत्ति बेचने की बातचीत विफल हो जाती है तो इन संपत्तियों को बेचने के लिये अदालत के रिसीवर इनकी नीलामी करेंगे।
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