मुंबई। पहली बार सेबी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एमपीएस ग्रीनरी डेवलपर्स लिमिटेड कंपनी के 50 बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है। सेबी ने ये कदम निवेशकों को पैसे लौटाने के मकसद से किया है।
दरअसल बाजार नियामक सेबी ने अवैध सामूहिक निवेश योजना (सीआईएस) के जरिये निवेशकों से रकम जुटाने वाली कोलकाता स्थित फर्म के 50 बैंक खाते जब्त कर लिए। एमपीएस ग्रीनरी कंपनी से निवेशकों से जुटाए गए 1,520 करोड़ रुपये पर्याप्त रिटर्न के साथ वसूले जाने हैं।
अवैध सीआइएस स्कीमों के जरिये जुटाई गई रकम वापस दिलाने के लिए सेबी ने पहली बार किसी मामले में खाते जब्त करने की कार्रंवाई की है। कंपनियां आम निवेशकों से अवैध रकम जुटाने के लिए बड़े पैमाने पर यह स्कीमें लांच करती रही हैं। सेबी अब तक अवैध सीआइएस के मामलों में पश्चिम बंगाल में सारधा समूह, रोज वैली और सुमंगल ग्रुप सहित विभिन्न कंपनियों पर कार्रवाई कर चुका है।
सेबी ने पिछले साल दिसंबर में एमपीएस ग्रीनरी को निवेशकों से जुटाए गई 1,520 करोड़ रुपये की रकम लौटाने का आदेश दिया था। मगर कंपनी ने अब तक यह रकम नहीं लौटाई है। इसके चलते नियामक ने इस रकम की वसूली का आदेश जारी किया है। सेबी ने सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के आठ बैंकों को खाता जब्ती के आदेश की प्रति भेजी है। इन बैंकों में कंपनी के 51 खाते हैं।
सेबी ने अपने आदेश में कहा है कि डिफॉल्टर के खाते जिस नाम से भी हो, चाहे वह एकल खाते हों या किसी अन्य पक्ष के साथ संयुक्त खाते हों, सभी जब्त किए जाएं। सरकार ने हाल ही में सेबी को डिफॉल्टरों से रकम वसूली के लिए खाते और संपत्तियां जब्त करने के अधिकारों से लैस किया है।
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