सेबी ने 2000 करोड़ रुपये से अधिक जुटाने वाली 92 कंपनियों पर की कार्रवाई
नई दिल्ली. पूँजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने ऊँचे रिटर्न का दावा करके अवैध तरीके से धन जुटाने वाली कंपनियों पर लगाम लगाने की मुहिम पर अमल करते हुए वर्ष 2015 में अबतक लोगों की गाढ़ी कमाई से 2000 करोड़ रुपये से अधिक जुटाने वाली 92 कंपनियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की है.
सेबी की ओर से जारी आदेश के मुताबिक इस वर्ष के पहले चार महीने में इन 92 कंपनियों ने करीब 2011.60 रुपये जुटाए है. इनमें से 40 कंपनियाँ पश्चिम बंगाल की है, जिसने बाजार से अवैध तरीके से करीब 500 करोड़ रुपये जुटाए. सेबी ने वर्ष 2014 में अवैध तरीके से धन जुटाने वाली ऐसी 117 कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें निवेशकों को 60 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि वापस करने का आदेश दिया था.
नियामक द्वारा इस साल पारित 92 आदेशों में से कम से कम 71 आदेश उन कंपनियों के खिलाफ है, जिन्होंने नियामक कानून का पालन किये बगैर डिबेंचर और तरजीही शेयर जारी कर लोगों से पूँजी जुटाई थी. इन कंपनियों द्वारा 837 करोड़ रुपये जुटाने का अनुमान है. नियामक ने गैर कानूनी तरीके से सामूहिक निवेश स्कीम (सीआईएस) शुरू करने के मामले में 1175 करोड़ रुपये जुटाने वाली कम-से-कम 21 कंपनियों के खिलाफ आदेश पारित किया है. इन कंपनियों ने सेबी में पंजीकरण कराए बिना सीआईएस शुरू किया.
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