हर साल करोड़ों का कारोबार कर रहीं फर्जी कंपनियां
छत्तीसगढ़/बस्तर – शहर में एक बार फिर चिटफंड कंपनियों ने लोगों को ठगने का कारोबार शुरू कर दिया है। इलाके में आधा दर्जन से ज्यादा एेसी कंपनियां हैं जो लोगों को रकम डेढ़ से दोगुनी करने के सब्जबाग दिखा रही हैं। कंपनियों के एजेंट के चक्कर में फंसकर इलाके के भोले-भाले आदिवासी अपनी मेहनत की गाड़ी कमाई इन कंपनियों को दे रहे हैं।
पूर्व में ग्रीन रे, रीमेक इंडिया जैसी कई कंपनियों ने लोगों के करोड़ों रुपए जमा किए थे पर ये अचानक ही अपना काम समेटकर रफूचक्कर हो गई। इन कंपनियों में जिन लोगों ने पैसे जमा किए थे वो अब अपनी किस्मत को कोस रहे हैं। इस बीच शहर में आधा दर्जन से ज्यादा नई कंपनियों ने अपना कारोबार फैलाना शुरू कर दिया है।
वर्तमान में पुलिस को ऐसी ही एक कंपनी के खिलाफ शिकायत मिली है। सिटी कोतवाली पुलिस के अनुसार रोज वैली नाम की एक संस्था ने इलाके के लोगों से पैसे वसूल रहे हैं। पुलिस को शिकायत मिली है कि रोज वैली कंपनी यहां बैंकिंग का कार्य कर रही है और लोगों को पैसे डेढ़ से दोगुना करवाने के सब्जबाग दिखा रही है।
इस शिकायत के बाद जब पुलिस ने कंपनी के अफसरों को तलब किया तो उन्होंने किसी भी प्रकार के बैंकिंग का कारोबार करने से इंकार कर दिया। इसके अलावा कंपनी की ओर से कुछ दस्तावेज भी पेश किए हैं जिसमें बताया कि उनकी कंपनी लोगों के टूर प्लान करती है और होटल की बुकिंग वगैरह का काम देखती है। हालांकि पुलिस कंपनी के इस बयान से संतुष्ट नहीं है और वह लगातार उनके दस्तावेजों व काम की जांच कर रही है। सिटी कोतवाली टीआई आशीष वासनिक ने बताया कि हम कंपनी के कारोबार की जांच कर रहे हैं। यदि कंपनी बैंकिंग का कार्य कर रही होगी तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
इलाके में काम करने वाली कंपनियां हर साल बस्तर से करोड़ों रुपए ले जा रही हैं। एक अनुमान के मुताबिक अकेले रोज वैली ही यहां सालाना पचास लाख का बिजनेस कर रही है।
एक और कंपनी में ताला
इधर शनिवार की दोपहर कोतवाली पुलिस ने गीदम रोड स्थित मिलयन माइल्स नामक कंपनी के कार्यालय में ताला लगवा दिया है। पुलिस के अनुसार कंपनी के खिलाफ कुछ शिकायतें मिली थी। इसके बाद जब स्थानीय मैनेजर से कंपनी कारोबार के संबंध में दस्तावेज मांगे गए तो वे कोई कागज उपलब्ध नहीं करवा पाए। स्थानीय कर्मचारियों का कहना था कि उनकी कंपनी की कुछ जमीनें रायपुर, अंबाला और दिल्ली में हैं इसके लिए वे लोगों से इन्वेस्टमेंट करवा रहे हैं।
क्या है नियम
कोई भी कंपनी लोगों के पैसे एफडी या इस तरह की योजना में जमा करवा सकती है जब वह सेबी के नियमों का पालन करती है। इस तरह के कारोबार के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से अनुमति जरूरी होती है। इसके लिए कंपनी को कुल कारोबार का पचास फीसदी से ज्यादा रकम जमानत के तौर पर यहां जमा करवाए।
बेरोजगारों को फंसा रहे
कंपनियां लोगों से पैसे निकलवाने के लिए मोटे कमीशन पर एजेंट नियुक्त कर रही हैं। एजेंटों को बताया जा रहा है कि वे अच्छा काम करेंगे तो उन्हें कमीशन के अलावा इन्सेंटिव के तौर पर विदेश ट्रिप, कार व अन्य गिफ्ट भी दिए जाएंगे। कई कंपनियां एजेंटों का भरोसा जीतने के लिए कुछ लोगों को कार भी गिफ्ट कर रही हैं। एजेंटों को ट्रेनिंग देने व मीटिंग के लिए बड़े-बड़े होटलों में बुलवाया जा रहा है। यहां चकाचौंध देख बारोजगार युवक-युवती इनके झांसे में आ रहे हैं और फिर गांव-गांव से लोगों का पैसा एकत्र कर कंपनी तक पहुंचा रहे हैं।
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