सूचना एवं प्रौद्योगिकी विकास जहाँ से किसी भी प्रकार की सूचनाए प्राप्त की सकती है लेकिन आज यह क्रान्ती का रूप ले रहा है। पूरे देश में साइबर क्राइम तेजी से बढ़ता जा रहा है। देश में साइबर क्राइम का एक ऐसा गुट सक्रिय हो गया है जो बैंक का हवाला देकर ये गुट बैंक उपभोक्ताओं को फोन कर उनका एटीएम नम्बर और पिन कोड बैंक वैरीफिकेशन के बहाने ले रहा है। जो उपभोक्ता इनके झांसे में आकर बैंक संबंधी गोपनीय जानकारी उन्हें दे देते हैं उनका 10-15 मिनट में उनका अकाउन्ट साफ कर दे रहे है।
गत सप्ताह शिमला में एक महिला इस गुट शिकार हुई। महिला का कहना है कि बैंक वैरीफिकेशन के बहाने फोन आया था। इस पर उसने एटीएम नम्बर और पिन कोड इस डर से बता दिया कि कहीं उसका खाता निल न हो जाए। फिर क्या 5मिनट के अंदर उसके खाते से 18000 की शॉपिंग कर ली गई। जब महिला को पता चला वो तुरंत बैंक में पहुंच कर डिटेल निकाली तो उसके खाते से बिहार, पटना व मुम्बई से शॉपिंग की गई थी।
इसका मतलब ये फोन अलग-अलग नम्बरों से किए जा रहे हैं । ऐसे में सावधान नहीं हुए तो एक फोन कॉल किसी की भी जेब खाली कर सकती है। इन दिनों इस तरह के फेक कॉल उपभोक्ताओं की एक अहम समस्या बन गई है। इसके लिए जरूरी है कि इस तरह की फोन कॉल को नजर अंदाज करें।
यदि कोई सिम और जानकारी के नाम पर एटीएम नम्बर और कोड मांगे तो कभी न दें। बैंक से जुड़ी जानकारी के लिए फोन कॉल आने पर बैंक के लैंडलाइन नम्बर पर सम्पर्क करें। मोबाइल पर किसी भी प्रकार की कोई जानकारी न दें । साथ में किसी को इस तरह की कॉल आती है तो पुलिस में शिकायत दर्ज करवाएं।
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