हाल ही मे बिहार के गया जिले से एक अजिबो गरीब मामला सामने आया है, जंहा एक युवक ने पैसे वापस न देने की हालत मे डकैती की मनगढंत कहानी रचकर पुलिस थाने मे शिकायत दर्ज करवा दी। जो की पुलिस जांच के 24 धंटे बीतने से पहले ही मामले की पोल पट्टी खुल गई। मामले मे नामजद आरोपियो को पुलिस ने गिरफ्तार कर पुछताछ करने के लिए पुलिस थाने ले गई । पुछताछ करने के बाद डकैती की झुठी सारी पहेली धीरे धीरे सुलझती चली गई। मामला रामपुरा थानागर्त के किशोरी काॅम्पलैक्स रोड संख्य 5 स्थित सुनय नामक शख्स की रचाई गई है।
मामले मे जोन के डीएसपी आलोक कुमार सिंह ने बताया कि जब पुलिस जांच चल रही थी तो सुनय के मकान मालिक भगवान प्रसाद व पडोसी सहित अन्य लोगो ने मामले ऐसा कुछ नही बताया जिससे डकैती की धटना साबित हो सके। जबकि मामले मे लोगो ने पुलिस को बताया है कि मकान मालिक के धर मे एक खतरनाक पालतु कुत्ता है जो कि आगुंतुओ की भनक पडते ही भौंक पड़ता है जबकि धटना की रात ऐसा कुछ सामने नही आया हैं । लेकिन फिर भी घर का ताला भी सही मिला है।
इसके साथ ही श्री आलोक ने यह भी बताया है कि नामजद किए हुए आरोपी अरुण वादिनी, रेणु देवी का पति सुनय के अधीन एजेंट का काम करता था। मामले मे अरुण ने पैसा दुगना करने के नाम पर 19 लाख रुपए जूटा कर सुनय की मदद से धनबाद के एक निजि नाॅन बैंकिग कंपनी मे जमा कर दिया था । मियाद पूरी होने पर जमाकर्ताओं ने जब दी हूई रकम वापस लेने के लिए अरुण पर दबाव बनाना शुरु किया तो अरुण ने अपनी जमीन बेचकर कई खाताधारियों की रकम को वापस कर दिया।
अपनी जमीन गंवाने के बाद जब अरुण जमा की गई राशी की वापसी के लिए सुनय पर दबाव बना रहा था तो सुनय ने बड़ी चालाकी के साथ अपनी पत्नी का सहारा लेकर अरुण पर डकैती का इल्जाम लगाकर रामपुरा पुलिस थाने मे झुठी प्राथमिकी दर्ज करवा दी। मामले मे जब पुलिस ने अरुण को गिरफ्तार कर पुछताछ करने के लिए अपने साथ ले गई तो सच सामने आ गया। साथ पुलिस ने यह भी कहा है कि झुठी एफआईआर दर्ज करवाने और झुठ आरोप लगाने के जूर्म मे आरोपियो के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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