आए दिन चिटफंड कंपनियां लोगो को ज्यादा पैसो का लालच देकर उनकी मेहनत कि गाढ़ी कमाई लेकर रातो रात कंपनी का ताला लगाकर भाग जाती है, जो कि अब आम बात हो गई है। लेकिन इसमे कंही न कंही पुलिस व संबधित प्रशासन भी किसी हद तक जिम्मेवार है। क्योंकि पुलिस इन्हे पकडती तो है, लेकिन पकडने के बाद कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति करके आरोपियो को छोड दिया जाता है। जिसके चलते इन चिटफंडियो के हौंसले बुंलद होते जा रहे है।
ऐसा ही एक मामला पंजाब के भठिंडा से आया है, जंहा ऐसी ही आधा दर्जन से भी ज्यादा चिटफंडी कंपनियों का खुलासा हुआ है। जो कि यह कंपनियां लोगो के करोडो रूपए लेकर डकार गए। जिनमे से कुछ चिडफंडियो के खिलाफ पुलिस ने कार्यवाही कर उन्हे जेल भी भेजा। लेकिन चिटफंड पिडित लोगो का यह भी कहना है कि चिटफंडियो के खिलाफ कार्यवाही तो हुई लेकिन उन्हे इंसाफ नही मिला।
इन चिटफंड कंपनियो द्वारा की गई धोखाधडी मे मध्यम वर्गीय व गांव के भोले भाले लोग चपेट मे आए हैं। इन लोगो ने कंपनी को अपनी मेहनत कि कमाई यह सोच कर सौंपी थी कि उनकी जमा रकम के साथ ब्याज भी मिल जाएगी। लेकिन लोगो को सपने दिखाकर, कई चिटफंड कंपनियां रातो रात अपना बौरेया बिस्तरा बटोर कर फरार हो गए।
फर्जी कंपनियां कि गई लिस्टेड
जानकारी के अनुसार अक्टूबर साल 2014 मे फर्जी ट्रेड कंपनी सुज़ान कैपिटल प्राइवेट लिमिटेड ने निवेशको के सौ करोड लेकर फरार हो गई। उसी साल कुछ माह बाद जीफ़ार कंपनी पर ज्यादा ब्याज देने का लालच देकर साढ़े आठ लाख रूपए गबन करने का मामला भी दर्ज किया गया।
मामले की जांच के लिए एडीसी हुए तैनात
चिटफंड मामले की जांच के लिए वित्त मंत्रालय ने पंजाब के जिला स्तर पर एडीसी, अतिरिक्त नोडल अधिकारी को जिले मे चल रही चिटफंड कंपनियों की जांच कर कार्यवाही करने का निर्देश जारी किया गया, लेकिन मामले मे कोई कार्यवाही आगे नही बढ़ाई गई।
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जितेन्द्र says
hi