CHIT FUND: पिछले कई वर्षों से काम कर रही चिटफंड कंपनी अनमोल इंडिया परिवार में जमा की गई पसीने की अपनी गाढ़ी कमाई को वापस पाने के लिए ग्राहकों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। परिवार के ग्राहकों का कहना है कि कार्यालय के चक्कर पे चक्कर काटकर हमारी चप्पल तक धिस गई लेकिन योजना के तहत बढ़ी राशि मिलना तो दूर जमा की गई राशि भी वापस नहीं की जा रही है। और तो जमा की गई राशि का जो ब्यौरा उपलब्ध कराया जा रहा है, जो कि काफी कम है। जबकि ग्राहकों के पास उससे कहीं ज्यादा कंपनी की ही जमा रसीद मौजूद है।
वादे के अनुसार अप्रैल माह में योजना की अवधि पूर्ण होने के बाद बढ़ी हुई रकम लेने ग्राहक अनमोल इंडिया परिवार कंपनी के कार्यालय पहुंचे लेकिन वहां पर तैनात कर्मचारी का जवाब सुना तो हैरान रह गए, जब कर्मचारी से यह जवाब मिला कि अभी तो योजना के तहत पुरी किस्त भी जमा नही हूई है। कार्यालय का कंप्यूटर अधूरी किस्त जमा बता रहा है। जबकि ग्राहकों का कहना है कि उन्होंने पूरी किस्त जमा की है बकायदा जमा की गई किस्त की रसीद भी है। और कुछ ग्राहको का यह भी कहना है कि उन्होंने जितनी किस्त जमा की है, परिवार योजना अवधि पूर्ण होने के बाद भी उतनी ही किस्त की दुबारा मांग कर रहा है उनका कहना है अभी किस्त जमा नही हूई है।
घटना की जानकारी ग्राहकों ने जब एजेंटों को दी तो वो भी कार्यालय पहुंचे तथा मामले में पुछताछ की। उन्हें भी जब कार्यालय से जो जवाब मिला उससे वे सकते में आ गए। अब मुद्धा इतना बढ़ गया है कि परिवार के एजेंट कंपनी के इस रवैए से दुखी होकर ग्राहकों को उनकी जमा राशि वापस दिलाने के लिए आगे की लड़ाई लडऩे की मूड में नजर आ रहे हैं। इसके लिए वह पुलिस का सहारा लेने के मुड़ मे दिख रहे है।
जांच के नाम पर मांग रहे है रसीद वापस
चिटफंड कंपनी परिवार ने ग्राहकों को उल्लु बनाकर उनसे रकम जमा तो करवा ली थी, लेकिन जब उसे वापस करने की बारी आई तो बड़ी ही सफाई के साथ बचने के लिए मामले की जांच के नाम पर ग्राहकों के पास मौजूद जमा रसीद को कंपनी में जमा करने को कह रहे हैं। साथ ही रसीद जमा कर ग्राहकों की सुरक्षा हेतू लिखित में दस्तावेज भी देने से साफ इंकार कर रहे है। कुछ ग्राहकों ने कंपनी की नियत को भांपते हुऐ जमा रसीद कंपनी को वापस देने से इंकार कर दिया है।
वहीं कुछ ग्राहको ने कंपनी के कर्मचारियों की चिकनी-चुपड़ी बातों में आकर रसीद तो वापस जमा तो कर ही दी और उसके बदले मे सबुत के तौर पर कंपनी से लिखित तक नही ली। कोकड़ी निवासी गौत राम यादव ने 31 किस्त जमा कर दी है, बावजूद इसके उसे कम किस्त जमा होने की जानकारी दी जा रही है। यह भनक पड़ते ही गौतम ने कंपनी द्धारा दी गई रसीद को सबुत के तौर पर अपने पास रख ली है।
जांच के नाम पर खानापूर्ती कर रही है पुलिस
लोगो का आरोप है कि निवेश के नाम पर लूट मचा रही चिटफंड़ कंपनीयो के दिन ब दिन होंसले बुलंद होते जा रहे है और पुलिस हाथ पर हाथ रखे बैठी है, लोगो की इस बढ़ती शिकायतो को देखते हुऐ जिला व पुलिस प्रशासन ठोस कार्रवाई के बजाए मात्र खानापूर्ति करती नज़र आई और इन कंपनी को क्लीन चीट भी दे दि। कुछ वर्ष पूर्व शहर की अनमोल इंडिया परिवार कंपनी समेत अन्य चिटफंड कंपनियों को जिला प्रशासन ने सील करने के साथ- साथ लोगो को इन कंपनीयों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का दिलासा दिया था। लेकिन कार्रवाई तो दुर की बात है कुछ ही दिनों में कंपनी में लगी सील टूट गई और संचालकों ने दोबारा दुकानदारी चलाने के लिए शटर उठा दिया। ठीक इसी प्रकार कुछ दिन पहले पुलिस ने कंपनी के दस्तावेज जांच के लिए मंगवाए थे लेकिन इसके बाद क्या कार्रवाई की गई इसका अब तक कोई खुलासा नहीं किया गया।
क्या है मामला
जिले के कुछ लोगों ने अनमोल इंडिया परिवार की बचत योजना के तहत 6 वर्ष के लिए प्रति माह के हिसाब से किस्त जमा करवाई थी। 72 किस्तो में से किसी ने पूरी किश्त जमा करवाई थी तो कुछ लोगो कुछ कम किस्त भरी थी । जमा कि गई किस्तो के अनुसार ही ग्राहक को अवधि पूर्ण होने के बाद उनकी जमा रकम मिलनी थी, लेकिन अवधि पूर्ण होने के बाद भी ऐसा हुआ नहीं। बाबू दबेना निवासी, धरमू साहू ने 588 रुपए प्रतिमाह के हिसाब से कुल 27 किस्तो का भुगतान किया था। लेकिन जब रकम लेने की बारी आई तो उन्हें बताया गया कि अभी उनकी मात्र 20 ही किस्ते जमा हूई है। इसी तरह भुरसी डोंगरी निवासी, मनोज गंजीर ने 440 रुपए प्रतिमाह 22 किस्ते जमा कि थी। लेकिन उन्हे 17 ही किस्ते बताया गया। इसी तरह कई ग्राहकों को कम किस्ते जमा होने के जानकारी देते रहे और उनको मिलने वाली रकम रोक दी गई है।
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