पुणे। करोड़ों रुपये के घोटालों के आरोपी मास्टरमाइंट समेत तीन लोगों को महाराष्ट्र के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने गिरफ्तार किया गया है। इनकी गिरफ्तारी धोखाधड़ी के आरोप में हुई है, इन लोगों पर कथित तौर पर एक फर्म आर्याप यात्रा और क्लब रिज़ॉर्ट (ATCR) बनाकर ढगी का आरोप है।
इस फर्म की शाखाएं हरियाणा, गुजरात और अन्य राज्यों में थी। इस फर्म का महाराष्ट्र में बुलधाना, नासिक, नांदेड़, सोलापुर, परभणी, जयपुर, ठाणे, नवी मुंबई, मुम्बई, जलगांव, भुसावल, पुणे और लातूर में अपने कार्यालयों हैं। ATCR के निदेशक रवींद्र देशमुख और उनकी पत्नी वसुधा पर 1000 से अधिक लोगों ने आरोप लगाया है कि उन्हें वादा किया गया था कि उनका पैसा दोगुना करके दिया जाएगा, लेकिन उनके साथ धोखा किया गय़ा।
इस फर्जीवाड़े के मुख्य आरोपी पुन्डलिक इंग्ले को पिछले हफ्ते सोलापुर से गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद उन्हें 12 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। पुन्डलिक ATCR निदेशक रवींद्र देशमुख के सबसे करीबी सहयोगी हैं। 2010 में घोटाले में नाम आने के बाद से पुन्डलिक फरार थे। इसके अलावा आर्थिक अपराध शाखा के सीआईडी ने इस मामले में दो और लोगों को गिरफ्तार किया। इन दोनों की गिरफ्तारी पुणे पिंपरी इलाके से हुई। इनमें से एक का नाम राजेंद्र सीताराम गायकवाड़ है।
सीआईडी के मुताबिक देशमुख और उनकी पत्नी ने गुजरात, हरियाणा, जयपुर, बेंगलुरू और महाराष्ट्र में कई योजनाएं शुरू की थी। योजनाओं में 5, 000 रुपये से लेकर अधिकतम निवेश पर 86% से 96% की सालाना रिटर्न का वादा किया था। कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर अपने निवेशकों के खाते खोले। शुरू में कुछ लोगों को वादे के मुताबिक रिटर्न मिले भी लेकिन कुछ समय बाद ही स्कीम में गड़बड़ी शुरू हो गई।
सीआईडी के मुताबिक शुरू में इस घोटाले की जांच स्थानीय पुलिस कर रही थी और 45 मामले दर्ज हुए थे। इस धोखाधड़ी का दायरा बढ़ने के बाद राज्य के पुलिस महानिदेशक ने 25 मई 2012 को इस मामले की जांच सीआईडी को सौंप दी। इस घोटाले में कुछ 58 लोग शामिल हैं जिसमें से 34 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इसके अलावा को ATCR के नाम से खुले 17 बैंक खाते भी सील कर दिए गए हैं जिसमें साढ़े 12 करोड़ रुपये जमा हैं। सीआईडी के मुताबिक पुन्डलिक देशमुख के करीबी सहयोगी हैं, और अब वो एक एजेंट के रूप में अपनी नई योजना में काम कर रहा है। पुलिस के मुताबिक वसुधा की 2011 में गिरफ्तारी हुई थी लेकिन बाद में वो जमानत पर रिहा हो गई थीं।
सीआईडी की निवेशकों को सलाह
सीआईडी ने ऐसी धोखाधड़ी निवेश योजनाओं से लोगों को बचने की अपील की है। किसी भी निजी योजना में पैसा निवेश करने से पहले लोगों को फर्म, योजना और इसकी प्रामाणिकता के दस्तावेजों की जांच करनी चाहिए। किसी राष्ट्रीय बैंकों की मानक दर से ज्यादा रिटर्न का वादा किया जाता है, तो इसकी पड़ताल करने के बाद की निवेश करना चाहिए।
इस घोटाले में दर्ज मामलों की संख्या
पुणे- 4, पुणे ग्रामीण- 7, सतारा- 10, कोल्हापुर- 3, मुंबई- 1, नंदुरबार- 3, सोलापुर ग्रामीण- 5, अकोला- 1, नागपुर- 1, यवतमाल- 2, अमरावती- 1, नांदेड़- 1, हिंगोली- 1, जालना- 1, औरंगाबाद- 1, परभणी- 2, बीड- 1 और लातूर – 1 मामले दर्ज हैं।
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