हरियाणा के जगाधरी इलाके से ठगी का मामला सामने आया है जंहा राष्ट्रीयकृत बैंक के कर्मचारी ने बैंक के नाम का उपयोग ठगी के लिए कर रहा था। यह ठग पोंजी स्कीम के माध्यम से करोडो रुपए समेट लिए और जब पेमेंट्स वापस देने का समय आया तो रातो-रात फरार हो गया। जब ठगी का शिकार हुऐ निवेशक अपने पैसे वापस लेने बैंक गए तो उन्हे बैंक द्धारा दुत्कार कर भगा दिया गया और अंत मे जब कोई मार्ग नही बचा तो मामला पुलिस थाने तक जा पहुंचा। पुलिस ठगी का मामला दर्ज कर लिया है मामले की छानबीन मे जुट गई है।
क्या है मामला
जानकारी के अनुसार मामले मे सोसायटी के नाम पर लोगों ने एफडी ( फिक्स डिपोसिट ) करवाई थी। एफडी करने वालों ने पैसा जमा करवाने वालों को अधिक ब्याज देने का लालच देकर अपने जाल मे फंसाया था। एफडी का समय पूरा होने पर जब निवेशक अपना पैसा लेने के लिए उक्त बैंक कर्मचारी से सम्पर्क किया तो उसने कुछ दिनो पैसा देने को कहा। बावजूद इसके निवेशको ने बार-बार कर्मचारी से संपर्क करने पर लोगों को शक हो गया था।
मामले की शिकायत जमाकर्ताओं ने एसपी को दी। एसपी ने जांच के लिए मामला पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा को भेज दिया है । छानबीन के बाद इसे अगली कार्रवाई के लिए थाना शहर जगाधरी ट्रांसफर कर दिया गया है। जब मामले मे बैंक के एलडीएम वीके जुलका से बात की गई तो उनका कहना था कि बैंक का इससे कुछ भी लेना-देना नहीं है। यदि किसी कर्मी ने ऐसा किया है तो वह उसका निजी मामला है जिससे बैंक का कोई संबध नही है। उनका कहना था कि कई विभागों के मुलाजिमों ने इस तरह की सोसाइटियां बना रखी थी।
जांच के बाद सही ठहराया गया आरोप
पुलिस की आर्थिक शाखा के अधिकारी शीश पाल का कहना है कि यमुनानगर की भाटिया नगर निवासी कृष्णा और कुछ अन्य लोगों की शिकायत आई थी जिसके बाद उसकी जांच की। जांच में जो आरोप लगाए गए थे वे सही पाए गए हैं। वहीं बैंक मैनेजर विपिन शर्मा का कहना है कि इस बारे में सर्कल आफिस के अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है।
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