अब आम लोगो को राहत देते हुऐ आरबीआई ने मकान और गाड़ी खरीदने वालों को आने वाले दिनों में बैंकों की तरफ से सस्ते लोन का तोहफा मिलने के संकेत मिल रहे है। लेकिन फिलहाल इन दिनों बैंको का इंट्रेस्ट रेट रेपो रेट से काफी नीचे आ गया है जिस पर बैंक एक रात के लिए लोन लेते हैं। इससे पता चलता है कि बैंकों को पैसों की पहले जैसी तंगी नहीं रह गई है। मार्केट में फॉरन फंड इनफ्लो जारी रहने से ये रेट ऐसे ही निचले लेवल पर बने रहे तो बैंक रेट घटा सकते हैं। इसके लिए वे आरबीआई की पॉलिसी रेट यानी रेपो रेट कट का इंतजार नहीं करेंगे। ओवरनाइट शॉर्ट टर्म रेट महज तीन दिन में लगभग 0.7-0.9 पर्सेंट की तेज गिरावट के साथ घट गए हैं।
चूंकी आरबीआई ने दो दिन के टर्म रेपो के जरिए मार्केट में 10,000 करोड़ रुपये डाले हैं। आरबीआई इस फैसिलिटी के जरिए बैंकों को शॉर्ट टर्म फंड देगा। मामले मे जानकारी देते हुऐ लक्ष्मी विलास बैंक के जनरल मैनेजर (ट्रेजरी) आर के गुरुमूर्ति ने कहा है कि ‘अडवांस टैक्स आउटफ्लो के चलते शॉर्ट टर्म रेट उछलकर टेंपरेरी तौर पर 8.70-8.80 पर्सेंट तक चला गया था। फिस्कल कंसॉलिडेशन को लेकर बजट में प्रपोजल पर बैंकों की नजर होगी। वे उसके बाद फैसला करेंगे कि स्प्रेड में कितनी कटौती करें यानी लोन रेट कितना घटाएं, चाहे आरबीआई रेपो रेट घटाए या ना घटाए।
क्या है स्प्रेड
बैंक लोन बेस रेट से ऊपर कुछ पर्सेंटेज पॉइंट ऊपर फिक्स किया जाता है। इसी अंतर को स्प्रेड कहा जाता है। एडवांस कॉर्पोरेट टैक्स जमा करने की अंतिम तारीख 15 जून थी। इससे मार्केट से बहुत सा पैसा निकल गया लेकिन सरकार अगले 10 से 15 दिन में कुछ पैसा खर्च कर सकती है जो वापस सिस्टम में आएगा। इस कदम से सिस्टम में फंड बढ़ जाएगा।साथ ही इसी सप्ताह के शुरु मे सोमवार से गुरुवार के बीच इंटर बैंक कॉल मनी मार्केट रेट तेज उछाल के साथ 6.90 से 9.0 पर्सेंट तक चला गया था। गुरुवार को इसका वेटेड ऐवरेज रेट 8.06 पर्सेंट पर बंद हुआ था। यह सोमवार के लेवल से 0.72 पर्सेंट कम है।
इसी तरह सीबीएलओ रेट, जिस पर बैंक और म्यूचुअल फंड्स फाइनैंशल सिक्यॉरिटी की जमानत पर ओवरनाइट लोन लेते हैं, वह भी बहुत घटा है। इसका वेटेड ऐवरेज रेट सोमवार के 8.8 पर्सेंट के मुकाबले अभी 7.87 पर्सेंट पर आ गया है। डीसीबी बैंक के असिस्टेंट वाइस प्रेजिडेंट (ट्रेजरी) देबेंद्र कुमार दास कहते हैं, ‘लेंडर्स बेस रेट में कटौती किए बगैर लेंडिंग रेट घटाने के बारे में सोच सकते हैं। हालांकि ऐसा तभी होगा जब अगले कुछ हफ्तों तक ओवरनाइट रेट बिना किसी तेज उतार चढ़ाव के 8 पर्सेंट या इससे नीचे बना रहे।
बैंक ओवरनाइट एलएएफ विंडो यानी लिक्विडिटी अजस्टमेंट फैसिलिटी से भी अपनी उधार घटा सकते हैं। इसमें बैंक आरबीआई से अपने टोटल डिपॉजिट के 0.25 पर्सेंट तक लोन ले सकते हैं। हालांकि वे ऐसा तभी करेंगे जब कॉल मनी और सीबीएलओ रेट 8 पर्सेंट या इससे नीचे बने रहताे हैं।
बैंक ओवरनाइट एलएएफ विंडो यानी लिक्विडिटी अजस्टमेंट फैसिलिटी से भी अपनी उधार घटा सकते हैं। इसमें बैंक आरबीआई से अपने टोटल डिपॉजिट के 0.25 पर्सेंट तक लोन ले सकते हैं। हालांकि वे ऐसा तभी करेंगे जब कॉल मनी और सीबीएलओ रेट 8 पर्सेंट या इससे नीचे बने रहताे हैं।
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