आज जंहा एक ओर तो मल्टी लेवल मार्केटिंग का बाज़ार लोगो की पहली पसंद बन चूका है। जो कि काफी तेजी के साथ फल फूल रहा है, जिसको करने के लिए लोग अपनी अस्थाई नौकरी तक छोडने को तैयार है। तो फिर क्या कारण जिसके चलते आज मल्टी लेवल मार्केटिंग की गरीमा पर बन आई है।
इसका कारण एक नही, अनेक हैं……. नेटवर्क मार्केटिंग/MLM मे कुछ चुनिंदा फर्जी कंपनी के फर्जीवाडे के चलते आज मल्टी लेवल मार्केटिंग मे अन्य साफ छवी से संचालित कंपनियां घेरे मे आ रही है, जिस पर कभी कभी सरकार का भी डंडा चल जाता है। यह फर्जी कंपनी कुछ समय तक तो खुब धन माल कमा लेती तो है, लेकिन इन सभी योजनाओ का हश्र एकसा होता है, यह सभी विफल साबित होती है, और लोगो की गाढ़ी कमाई लेकर अपनी ठगी की दुकानो मे ताला लटका कर रातो रात चंपत हो जाते है।
इनमे से कुछ तो पहले से ही समाप्त हो चूकी होती है, लेकिन यह कंपनिया अपने पीछे दूरगामी परिणाम छोड जाती है। जिसको अन्य नेटवर्क मार्केटिंग को झेलना पडता है। इतना ही नही इन योजनाओं की वजह से जो सामाजिक तनाव पैदा हो सकता है उसकी कल्पना मात्र डराने के लिए काफी है।
इसमे खास बात यह है कि वास्तव में चिटफंड बचत करने वालों का एक समूह होता है, जो नियमित अंतराल पर इसमें रकम जमा कराते हैं, और इनाम की राशि किसे दी जाएगी, इसका निर्धारण करने के लिए एक ड्रॉ किया जाता है। चिटफंड के संचालन की जिम्मेदारी जिसे सौंपी जाती है वही इसके खाते का प्रबंधन करता है, और इसके बदले में उसे कमीशन मिलता है। समस्या यह है कि कई सारे तथाकथित चिटफंड पंजीकृत नहीं होते और इस वजह से वे कोई प्रतिफल नहीं दे पाते।
बहुस्तरीय विपणन योजनाओं को बिक्री एजेंट चलाते हैं और दूसरे एजेंटों को भर्ती कर वे भारी भरकम कमीशन कमाते हैं।
यदि हालात यही रहे तो आने वाले दिनों में अच्छी कंपनियों को भी सरकारी डंडे की मार झेलनी होगी। इसलिए बहुत जरूरी है कि अपना बाजार साफ करें और फर्जीवाड़ा करने वालों को बाहर भगाएं।
अगर आपके पास भी मल्टी लेवल मार्केटिंग (MLM) से जुडी कुछ जानकारी है या फिर आप विचार शेयर करना हैं तो कमेंट बाक्स मे जाकर कमेंट कर सकतें हैं।
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