Central Bureau of Investigation (CBI) ने राज्य में चिटफंड घोटाले की जांच शुरु कर दी है। Micro Finance Limited (MFL) कंपनी के दूसरे निदेशक को मंगलवार को Economic Offences Wing (EOW) द्वारा गिरफ्तार किया गया था। यह ऐसा मामला सामने आया है जिसमे राज्य सरकार कर्मचारी शामिल है।
Reserve Bank of India (RBI) प्राधिकरण ने लोगो को करोड़ों रुपयो का चूना लगाने के लिए MFL कंपनी पर पिछले साल छापा मारा था। करीब 13 मामले कंपनी के खिलाफ दर्ज किऐ गऐ थे। और 13 अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था। साथ ही कंपनी की शाखाऐ बंद कर दी गई थी।
पिछली फरवरी में पंचायती राज विभाग के Ajay Swain ने एक unauthorised letter जारी किया। Swain विभाग में आयुक्त व सचिव के लिए एक निजी सहायक है। Swain ने सभी कलेक्टरों को पत्र लिखा और कहा MFL के ऑपरेशन के साथ सहयोग करे। और MFL के खिलाफ कोई कार्रवाई ना करे। जब मामला प्रकाश में आया तब Swain और BN Patnaik जो MFL के निदेशक है उनको मार्च में ईओडब्ल्यू द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया।
Swain के विश्वसनीय सूत्रों ने कहा, जाहिर तौर पर धोखाधड़ी गतिविधियों का एक इतिहास रहा है। ईओडब्ल्यू की पूछताछ के दौरान, उन्होंने कलेक्टरों को अनधिकृत पत्र जारी करने से साफ मना कर दिया था। लेकिन इतना सबसे पहले विभाग ने पत्र लगाने के मामले में एक उप सचिव रैंक के अधिकारी द्वारा प्रशासनिक जांच की और फिर प्रशासनिक जांच के दौरान Swain ने पत्र जारी करने की बात कबूल कर ली।
सूत्रों ने बताया कि जब हम विभाग में पूछताछ कर रहे थे, तो हमे पता चला कि जिस दिन Swain ने यह पत्र लिखा था, उसी दिन पत्र जारी कर दिया गया था।
वास्तव में, Swain का जाहिर तौर पर पहले MFL के साथ अच्छा तालमेल रहा है। जब वह वाणिज्य और परिवहन विभाग में कार्य किया करता था। और Swain पर भी जालसाजी का आरोप लगाया गया था, हम जाँच के लिए handwriting bureau को पत्र भेजेंगे कि कही जो पत्र भेजे गऐ थे वो किसने द्वारा जारी किऐ गऐ थे कही Swain का इसमे कोई हाथ तो नही था।
इसी बीच बुधवार को CBI ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा में घोटाले के सिलसिले में 46 मामले दर्ज किऐ। जिनमें से 43 राज्य से संबंधित थे। और MFL उन कंपनीओ मे से है जो जनता को धोखा देने के आरोपों का सामना कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई को घोटाले की जांच की रिपोर्ट सौंपी गई,और CBI ईओडब्ल्यू से मामलों का प्रभार ले रही है, हालांकि मामला विवरण और संबंधित दस्तावेजों को पहले से ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंप दिया गया है।
EOW के सूत्रों ने कहा यह केवल समय की बात है राज्य में औपचारिक जांच शुरू होने से पहले केंद्रीय एजेंसी मामला सभाल लेगी। जहाँ घोटाले की जड़ें पश्चिम बंगाल की तुलना में अधिक जटिल हैं।
पिछले साल जब ओडिशा घोटाला सामने आया, सुप्रीम कोर्ट द्वारा ये उल्लेख किया गया कि ईओडब्ल्यू ने करीब 207 मामले दर्ज किऐ है। जबकि Commissionerate Police और जिला पुलिस ने 43 कंपनियों से संबंधित अलग प्राथमिकियां दर्ज की है।
इसी बीच Ashok Kumar Patnaik को जो कि MFL के दूसरे निदेशक है मंगलवार को ईओडब्ल्यू द्वारा गिरफ्तार किया गया था। Ashok Kumar Patnaik को बुधवार को एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया। और अदालत ने उन्हे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
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