Black money मामले के छाबीन के तहत सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह एसआईटी गठित करने के लिए तीन हफ्ते में नोटिफिकेशन जारी करने को कहा। इस मामले पर सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट का जस्टिस एच.एल. दत्तू टैक्स हैवन के जिम्मेदार समझे जाने वाले 26 लोग जिन्होंने लिष्टंस्टाइन बैंक में धन जमा कराया था उनके नाम 2009 में जर्मन अथॉरिटी से प्राप्त हुए हैं।
इनमें से 7 के खिलाफ Income tax department ने छानबीन के बाद प्रॉसिक्यूशन शुरू किया है। जबकि आठ के खिलाफ टैक्स छिपाने से कोई सबूत हाथ नहीं लगा हैं और इनमें से एक की मौत भी हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने 2011 के आदेश में कहा था कि विदेशी बैंकों में जमा ब्लैक मनी को वापस लाने का अभी तक कोई भी सार्थक प्रयास नहीं किया गया है ।जिसके कारण इस मामले की जांच SIT को सौंप दिया था।जिससे केंद्र सरकार ने एसआईटी का विरोध करना शुरु कर दिया।लेकिन उसकी अर्जी बीती मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी ।जिसके बाद एसआईटी के गठन का रास्ता साफ हो गया । इनके खिलाफ SIT को दस्तावेज भी प्राप्त हुए है। इस मामले की सुनवाई के दौरान बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने उन लोगों के नाम बताए जिनके बैंक अकाउंट जर्मनी में हैं।
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