देश भर मे दिन ब दिन बढ़ रही रही चिटफंड कंपनियो की शिकायतो के आधार पर जिला प्रशासन और इलाके की लोकल पुलिस मामले मे अलग अलग तरीके से छानबीन मे जुटी है। जिसमे पुलिस ने 35 कंपनियो की सुची तैयार करके पुलिस ने आरबीआई से पंजीकृत कंपनियों की सूची भी मांग है।आरबीआई द्धारा दी गई सुची के अनुसार केवल 15 ही कंपनियों के नाम दर्ज है।
जानकारी के मुताबिक आरबीआई से एक भी चिटफंड कंपनी का पंजीकरण नहीं है, लेकिन पुलिस को आरबीआई से पंजीकृत चिटफंड कंपनियों की सूची मिली है। जिसके चलते पुलिस का काम और बढ़ गया है, लेकिन अब पुलिस यह पता लगाने मे जुट गई है कि पंजीकृत कंपनियों की शाखाएं यहां हैं या नहीं। इसके अलावा पुलिस ने लगभग तीन दर्जन चिटफंड कंपनियों की सूची तैयार की है। उन कंपनियों की गोपनीय तरीके से जानकारी और दस्तावेज जुटाए जा रहे हैं। 10-12 कंपनियों के दस्तावेज पुलिस के हाथ लग भी चुके हैं। उन दस्तावेजों के आधार पर कंपनियों की वैधता का पता लगाया जा रहा है।
दूसरी तरफ, जिला प्रशासन के कोषालय अधिकारियों की टीम भी चिटफंड कंपनियों की जांच में लगी है। जैसा कि सुचना मिली है कि बुधवार तक 29 शिकायतें मिल चुकी थीं। अब तक जिला प्रशासन की जांच कमेटी ने पांच कंपनियों के कार्यालय में दस्तक भी दि जिसमे कि दो के कार्यालय बंद मिले। जिन कार्यालयों को खुला पाया, उनके अधिकारियों से कंपनी के पंजीयन से संबंधित दस्तावेज मांगे गए हैं।
इलाके मे दो प्रकार की चिटफंड कंपनी का संचालन
मामले मे एसपी की माने तो शहर मे दो प्रकार की कंपनियां इस वक्त संचलित है या फिर भाग खडी हुई है तथा कुछ कंपनियां ऐसी भी है जो पंजीयन करवाकर कारोबार कर रही हैं। जिस कारण ऐसी कंपनियों के कारोबार को बंद भी नहीं कराया जा सकता है। वहीं दुसरी ओर कुछ कंपनी ऐसी भी है, जिन्होंने आरबीआई से बैंकिंग या नॉन बैंकिंग कार्यों के लिए पंजीयन नहीं कराया है और व्यापार धडल्ले से कर रही है। इस तरह की कंपनियों ने दूसरे राज्यों के रजिस्ट्रार फर्म एवं सोसाइटी में पंजीयन करा लिया है। यह पूरी तरह से अवैध हैं। ऐसी कंपनियों पर सीधे कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। इनका कारोबार भी तत्काल बंद कराया जा सकता है।
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