MLM NEWS: ओडिशा मे हूऐ करोड़ों रुपये के चिटफंड घोटाले की जांच करने वाली सदस्यीय आयोग अब कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है। यह बात तब सामने आई जब एक अधिकारी ने कहा। उनहोने कहा जब जांच चल रही थी उस समय आयोग के अध्यक्ष और सचिव और तीन नियमित कर्मचारियों व चार अस्थायी कर्मचारियों के साथ-साथ पांच अन्य चपरासियों काम कर रहे हैं।
सिक्किम उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश R.K. Patra ने काफी समय पहले से राज्य सरकार से छह और कर्मचारी उपलब्ध कराने के लिए अनुरोध किया था, लेकिन इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
आयोग के सचिव धीरज रावत ने आईएएनएस बातचीत मे कहा “हमारी मुख्य बाधा यह है कि हम कंप्यूटर डाटा बेस तैयार नहीं कर पा रहे हैं। और काम हाथ से तिखकर ही करना पड़ रहा।
उन्होने यह भी बताया कि आयोग की स्थापना पिछले साल मई में की गई थी। इस आयोग को चिट फंड कंपनियों द्वारा किए गए कथित घोटाले की जांच करने और निवेशकों के हितों की रक्षा करने का काम सौंपा गया था। और अब तक मामले से संबधित नौ लाख से अधिक शिकायतें मिली हैं।
आयोग का कार्यकाल 30 अप्रैल को समाप्त हो रहा है। इससे पहले कई बार इसके कार्यकाल का विस्तार किया गया है। आयोग ने छह महीने और कार्यकाल बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है।
जिन कंपनियों पर घोटाला करने का आरोप है, उनमें शामिल हैं कोलकाता की Saradha Group और ओडिशा की कंपनी Seashore तथा Artha Tatwa groups। ऐसा माना जा रहा है कि इन कंपनियों ने करोड़ों रुपये का घोटाला किया है।
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