रायपुर जिले मे लोगो को ज्यादा पैसो का सपना दिखाकर उनसे लाखो करोड़ो रुपए समेट कर भाग जाने वाले चिटफंड़ कंपनियो के फरार डायरेक्टर्स समेत कई हाईप्रोफाइल अपराधियों की धर पकड़ एक बार फिर राजधानी पुलिस ने शुरू कर दी है। लंबे समय से ठगी के 30 बड़े मामलों की सुस्त पड़ी जांच में तेजी लाने के लिए कहा गया है। रेंज के आईजी जीपी सिंह ने चिटफंड कंपनियों पर सख्ती से कानूनी शिकंजा कसने के निर्देश जिले के थानेदारों को दे दिए हैं।
गौरतलब है कि आर्थिक अपराधों की जांच के लिए गठित की गई विशेष अनुसंधान सेल में धोखाधड़ी के करीब 45 मामलो की जांच चल रही है, इनमें से अधिकांश चिटफंड कंपनियों के मामले हैं। कंपनी के छोटे कर्मचारियों को पुलिस ने गिरफ्तार तो कर लिया है लेकिन अभी हाईप्रोफाइल इनामी आरोपियों नही पहुंच बना सकें है। इसमे चौंका देने वाले वाली बात यह है कि पुलिस ने फरार डायरेक्टर्स की गिरफ्तारी तो दूर, उनकी संपत्ति तक कुर्क करने की कार्रवाई मे अभी तक टाल मटोल कर रही है।
मामले मे इंटरपोल करेगी पुलिस की मदद
रेंज के आईजी जीपी सिंह का कहना है कि चिटफंड कंपनियों के कई डायरेक्टर्स को पकड़ कर जेल भेज दिया गया है। धोखाधड़ी के कुछ मामलो मे आरोपियों के ठिकानों का पता नहीं चल पा रहा है। करोड़ों की धोखाधड़ी के मामले में डॉल्फिन इंटरनेशनल स्कूल के संचालक राजेश शर्मा, उसकी पत्नी उमा शर्मा फरार चल रहे है,जो कि वांटेड घोषित हैं।
शहर की दो कंपनियों को 72 करो़ड़ का चूना लगाने वाले आयरन माफिया प्रसन्ना वी. घोटगे की पीए विविथा, इमरान शेख, संजय शिरो़ड़कर तथा जीईओ कैम लेबोरेटरीज वास्को गोवा के डायरेक्टर राजेश सुंदर लाल बहल, नील राजेश बहल, अनिल दिनेश बहल तथा यूनीपे-टू यू कंपनी के फरार डायरेक्टर मूगुनधन गंगम, रामकृष्ण मूर्ति वेत्रीयचलन, के.फेल्लाथुराई भास्कर सिल्ला सहित अन्य नामी ग्रामी हाईप्रोफाइल फरार आरोपी इस सूची में शामिल हैं।इनमें से अधिकांश विदेश भाग गऐ है जिस कारण से अभी तक यह अपराधी कानुन की गिरफ्त से दुर है। साथ ही आईजी ने कहा कि आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए सीआईडी व सीबीआई की पहल पर इंटरपोल ने हांमी भर दी है।
अगर आपके पास भी मल्टी लेवल मार्केटिंग (MLM) से जुडी कुछ जानकारी है या फिर आप विचार शेयर करना हैं तो कमेंट बाक्स मे जाकर कमेंट कर सकतें हैं।
Leave a Reply