केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पीएसीएल ग्रुप के सीएमडी निर्मल सिंह भंगू समेत तीन अन्य अधिकारियों को लोगो पर पांच करोड से अधिक निवेशको से कथित तौर पर पैंतालिस हजार करोड रुपए ठगने के आरोप मे गिरफ्तार कर दिल्ली कि एक अदालत मे पैश किया; जंहा से उसे चार दिन कि सीबीआई हिरासत मे भेज दिया।
पीजीएफ लिमिटेड के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक तथा पर्ल्स ऑस्ट्रेलेशिया पीटीवाई लिमिटेड के पूर्व चेयरमैन भंगू के अलावा पीएसीएल के प्रबंध निदेशक व प्रवर्तक निदेशक सुखदेव सिंह, कार्यकारी निदेशक (वित्त) गुरमीत सिंह और पीजीएफ-पीएसीएल पॉन्जी स्कीम मामले के कार्यकारी निदेशक सुब्रत भट्टाचार्य को इस मामले में गिरफ्तार किया गया है। सीबीआई के प्रेस सूचना अधिकारी आर के गौड़ ने यह जानकारी दी।
सीबीआई के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि चारों कार्यकारियों को एजेंसी के मुख्यालय पर गहन पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया। सूत्रों ने बताया कि पूछताछ के दौरान उन्होंने बिना तालमेल वाले जवाब देने शुरू किए और साथ ही सहयोग करना भी बंद कर दिया, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
यह मामला देशभर में 5.5 करोड़ निवेशकों से करीब 45,000 करोड़ रुपये जुटाने का है। गौड़ ने बताया कि इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) तथा 420 (धोखाधड़ी) की धाराओं में मामला दायर किया गया है। निवेशकों को भारी रिटर्न का लालच देकर उनसे धन जुटाया गया था।
सुनवाई के दोरान मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सुगंधा अग्रवाल ने सीबीआई द्धारा दायर कि गई अपील में आरोपियो कि कस्टडी बढ़ाने की अनुमति दे दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने चारो आरोपियो को सीबीआई हिरासत मे देते हुऐ कहा है कि वह आरोपियों से ठीक से पूछपाछ कर,सबूत इकठ्ठे करके कोर्ट मे पेश करें।
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि कंपनी ने घोटाले मे पांच करोड से भी अधिक लोगो को पैंतालिस हजार करोड का निवेशको को चूना लगाया गया है। इसके साथ ही घोटाले में पीजीएफ लिमिटेड के सीएमडी और पल्र्स अस्ट्रेेलेसिया प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व चेयरमैन के समेत गिरफ्तार किया गया है, जिसमे पीएसीएल के एमडी एंव प्रमोटर निदेशक सुखदेव सिंह, कार्यकारी निदेशक ’वित्त’ गुरमित सिंह और पीजीएफ, पीएसीएल धोखधडी मामले में पर्ल्स ग्रुप के सीईओ ईडी सुब्रत भट्टाचार्य भी शामिल है।
जांच एजेंसी के मुख्यालय में कि गई लंबी पूछताछ में खुलासे के बाद चारो अभियुक्तो को हिरासत मे लिया गया था। प्रवर्तन निदेशालय ने उनकी दस दिन की सीबीआई हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद अदालत मे पैश किया था। पूछताछ मे अपराध साबित होने के बाद सुप्रिम कोर्ट ने मामले मे प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश देकर अभियुक्तो कि हिरासत अवधि बढा दि थी।
अगर आपके पास भी मल्टी लेवल मार्केटिंग (MLM) से जुडी कुछ जानकारी है या फिर आप विचार शेयर करना हैं तो कमेंट बाक्स मे जाकर कमेंट कर सकतें हैं।
Leave a Reply