डायरेक्ट सेलिंग मे मार्केटिंग या सेलिंग शब्द सुनकर मन एक भागदौड व व्यस्त भरी छवि उभर के सामने आती है। ऐसे में यदि बिक्री के क्षेत्र में कम भागदौड़ वाला करियर तलाशना हो, तो जिसमे उन्नति की संभावनाऐं अधिक हो तो डायरेक्ट सेलिंग कारोबार का क्षेत्र सबसे बहतर है।
इंडियन डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन भारत में प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग डायरेक्ट सेलिंग का स्वायत्त विनियामक निकाय है। यह संगठन उद्योग तथा सरकार के नीति निर्माता निकायों के बीच तालमेल बनाने का काम करता है और देश में प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग के सरोकारों को उठाता है। आज भारत में प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग काफी तेजी से फल फूल रहा है।
वर्ष 2008-09 में प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग का बाजार 17 प्रतिशत बढ़कर 33,300 मिलियन हो गया ।
भारत मे डायरेक्ट सेलिंग के कारोबार मे अलग अलग क्षेत्रो का योगदान दक्षिण भारत मे प्रत्यक्ष बिक्री मे निरंतर सर्वाधिक स्थान पर है, उसके बाद उत्तर भारत का स्थान है।
यदि आँकड़ों की बात करें तो वर्ष 2008-09 में प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग का कुल बाजार आकार का एक फीसदी बढ़कर 33,300 मिलियन रुपए का हो गया। प्रत्यक्ष बिक्री नेटवर्क से जुड़े सेल्स कंसलटेंटस् के लिहाज से दुनियाभर के 25 प्रमुख देशों में भारत का 11 वाँ स्थान है जबकि प्रत्यक्ष बिक्री से प्राप्त होने वाले राजस्व की दृष्टि से भारत का 23 वाँ स्थान है।
भारत में प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग का आकार 2008.09 में लगभग 33,300 मिलियन रुपए आंका गया जिसमें बीमा क्षेत्र की गतिविधियाँ शामिल नहीं है। इसमें संगठित क्षेत्र का आकार 30,270 मिलियन रुपए है। जबकि असंगठित क्षेत्र का 3,030 मिलियन रुपए है। इसी के साथ.साथ सेहत, पोषण, वैलनेस और सप्लीमेंट आदि डायरेक्ट सेलिंग उद्योग में प्रमुख उत्पाद श्रेणी के तौर पर उभरे हैं।
संगठित क्षेत्र के प्रत्यक्ष बिक्री कारोबार से मिलने वाले राजस्व के 32 प्रतिशत हिस्से का योगदान करती हैं। पर्सनल केयर और कॉस्मेटिक्स की पारंपरिक उत्पाद श्रेणियाँ कुल मार्केट के 18 प्रतिशत हिस्से पर संयुक्त रूप से काबिज है और यदि सर्वे में देखें तो 51 फीसदी कंपनियाँ इन श्रेणियों में सक्रिय हैं।
डायरेक्ट सेलिंग का कारोबार पुरे देश मे तेजी के साथ पांव चुका है। जिसका दक्षिण भारत मे प्रत्यक्ष बिक्री कंपनी का विशेष भाग रहा है। सेल्स कंसलटेंट के मजबूत आधार की मौजूदगी और प्रत्यक्ष बिक्री की अवधारणा के बारे में अच्छी खासी जागरूकता के चलते ही
दक्षिण भारत में भी प्रत्यक्ष बिक्री अवधारकों को पसंद किया जाने लगा है। प्रत्यक्ष बिक्री की गतिविधियों से करीब 1.82 लोग बतौर सेल्स कंसलटेंट जुड़े है और इस नेटवर्क के 68 प्रतिशत कार्यबल पर महिलाएँ छाई रहीं। आईडीएसए सदस्य कंपनियों के मामले में लगभग 1.2 मिलियन व्यक्ति सेल्स कंसलटेंट के रूप में संबद्ध हैं।
अगर आपके पास भी मल्टी लेवल मार्केटिंग (MLM) से जुडी कुछ जानकारी है या फिर आप विचार शेयर करना हैं तो कमेंट बाक्स मे जाकर कमेंट कर सकतें हैं।
Rajendra Goswami says
आर सी एम कैसी कंपनी हैं