आयकर विभाग ने करदातओ की परेशानियो को ध्यान मे रखते हुऐ इलेक्ट्रॉनिक हस्ताक्षर की व्यवस्था शुरू करने का फैसला किया है। ऐसा करने से करदाताओं की पहचान का सत्यापन करने मे काफी मदद मिलेगी। और इलेक्ट्रॉनिक तरीके से भरे गए रिटर्न की कॉपी डाक से भेजने में होने वाली समस्या से छुटकारा भी मिल जाएगा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अनुसार यह नई व्यवस्था मार्च 2015 से लागू करने का निर्णय किया है। इस मामले से जुड़े आधिकारिक सूत्रों की दी हूई जानकारी के मुताबिक सीबीडीटी ई-रिटर्न (आई.टी.आर 5) के लिए नई व्यवस्था शुरू करने से पहले कानूनी स्थिति और प्रौद्योगिकी जरूरतों को पूरा करना पड़ेगा। इसके लिए सीबीडीटी कानून और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से संपर्क करेगा। और इसी के साथ ही विभाग की मार्च 2015 तक स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) वाले दस्तावेजो की भी ई-फाइलिंग की भी व्यवस्था शुरू करने की योजना बना रही है। फिलहाल इसका उपयोग करदाता इलेक्ट्रॉनिक रिटर्न भरने के लिए ही कर रहे है। डिजिटल हस्ताक्षर का उपयोग फिलहाल बड़ी-बड़ी कंपनियां कर रही हैं।
अभी क्या है व्यवस्था-
अभी के मौजूदा नियमों के अनुसार ई-रिटर्न दाखिल करने वाले करदाताओं को उसकी एक प्रति डाक से आयकर विभाग के बेंगलुरु स्थित सेंट्रल प्रोसेसिंग सेंटर (सी.पी.सी) को भेजनी होती है। डाक द्धारा भेजे गए आईटीआर 5 प्राप्त करने के बाद सीपीसी टैक्स रिटर्न दाखिल करने वालों को इलेक्ट्रॉनिक तरीके से कर प्राप्ति की सूचना देता है।
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