MLM Hindi News

Read Latest Updates on MLM हिन्दी समाचार, Breaking MLM हिन्दी समाचार & Current MLM हिन्दी समाचार of MLM Companies

  • Home
  • MLM News English
  • नेटवर्क मार्केटिंग के मूल-मंत्र
  • Advertise
  • शिकायत बॉक्स
  • हमसे जुड़िये
  • Contact Us
Home » ढाई सालो मे 50 कंपनियों ने लगाया 500 करोड़ का चुना
ढाई सालो मे 50 कंपनियों ने लगाया 500 करोड़ का चुना

ढाई सालो मे 50 कंपनियों ने लगाया 500 करोड़ का चुना

By Mahender Singh | Published on 28/04/2014

Rate this News

लोग रोते रहे चिल्लाते रहे और सरकार चुपचाप खामोश होकर देखती रही। ऐसा लगता है जैसे कि सरकार को अपने राज्य की जनता की तभी याद आती है जब चुनाव सिर पर आते है और उसके बाद तु कौन तो मैं कौन ? पीछले ढाई सालो मे फर्जी कंपनियां जनता से धोखाधड़ी करके पांच सौ करोड़ का चुना लगाकर रफ्फु-चक्कर हो चुकी है। बावजूद इसके संबधित प्रशासन आंखे मुंदे बैठा है।

पच्चास कंपनी पांच सौ करोड़  

देश के हर राज्य मे ठगो ने लोगो को चुना लगाने के लिए अलग-अलग नाम से खोली गई कंपनियों से पीछले ढ़ाई सालो मे अब तक पांच सौ करोड रुपए लूट चुके है। जिनमे से कुछ नाम चीन कंपनियों का नाम सामने आया है जैसे की,मैग्नम, टिस्का, परसिस्ट, इप्टा, वीकेयर, एपेक्स, इनके अलावा और भी अन्य कंपनी है जिनका नाम भी याद रखना आसान नही है। इतने सब के बाद भी सरकार को इस मामले से कोई मतलब ही नही है। दर्द सिर्फ उनके चेहरे पर झलक रहा है जिनका पैसा यह ठग ताल ठोक कर ले गऐं है। मल्टी लेवल मार्केटिंग,चिटफंड और फाइनेंस कंपनी बनाकर ठगी का गोरखधंधा धड़ल्ले से चल रहा है। महीनो से चौकी थानो के चक्कर काट-काट कर लोगो की चप्पलें तक घीस गई बावजूद इसके यह ठग थमने का नाम तक नही ले रही हैं।

कौन कौन कंपनियां है मामले मे शामिल

पीछले ढाई साल पहले जोरो शोरो के साथ मैग्नम, टिस्का जैसी और भी अन्य कंपनियों की नीव रखी गई थी। शानदार ऑफिस लुभावने ऑफर देने वाली इन ठग कंपनियों के संचालक बीते ढाई साल में जनता का करोड़ों रुपया लूटकर फरार हो गऐ।ढाई साल में गली-गली मे खुली 50 से ज्यादा कंपनियों ने जनता का 500 करोड़ से ज्यादा रुपया डकार लिया। किसी ने चार साल में पैसा दोगुना करने का लालच दिया तो किसी ने प्रोडक्ट बेचने के लिए लोगो की चेन बनाने का झांसा देकर ठगी करने का मामला सेट किया।

उस समय तो ऐसा मानो जैसी की फाइनेंस कंपनियों की बाढ़ सी आ गई हो गली गली मे फाइनेंस कंपनियां खुल गई थी। मैग्नम कंपनी ने राजधानी सहित बाराबंकी, सीतापुर, हरदोई, प्रतापगढ़, इलाहाबाद,फैजाबाद सहित करीब 8000 लोगों से लगभग 100 करोड़ रुपये का चुना लगा चुके थे।

इसके अलावा टिस्का होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड ने करीब 200 करोड़ रुपये ठगे। टिस्का ने केवल राजधानी मे ही 4000 लोगों की रकम हजम कर ली।

मामले मे वी-केयर भी पीछे नही रही। वी-केयर ने डेढ सौ से अधिक लोगो को अपने झांसे मे लेकर 30 से 50 करोड रुपए ऐंठ लिए। इसके साथ साथ एपेक्ट ने बे-रोजगार लोगो को विदेश मे नौकरी दिलाने का झांसा देकर तीन चार करोड तो ऐसे ही ठग लिए।

ऐसी कई कंपनियां है जिनके नाम का तो अता पता नही लेकिन जनता को बीस-पच्चीस लाख रुपए दबा लिए।

इन कंपनियों का कानपुर में रजिस्ट्रेशन हुआ है
कंपनी सेक्रेटरी नीतू टंडन का कहना है कि ऐसी कंपनियां नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (एनबीएफसी) कहलाती हैं।

यूपी और उत्तराखंड में काम करने वाली ऐसी कंपनियों का रजिस्ट्रेशन कानपुर स्थित रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के ऑफिस में ऑनलाइन होता है। इन कंपनियों के लिए नियम व शर्तें तय होती हैं।

अनियमितता पर भारी जुर्माने का प्रावधान है जो मूल रकम से उसका तीन गुना तक हो सकता है।

लेकिन शायद ही कोई कंपनी इनका पालन करती हो। कोई भी कंपनी निवेशकों को 12.5 प्रतिशत से अधिक ब्याज दर नहीं दे सकती।

कोई कंपनी ऐसा कर रही है तो निश्चित तौर पर नियमों का उल्लंघन हो रहा है।

चिटफंड कंपनियों का संचालन चिट फंड्स एक्ट 1982 के तहत होता है। ऐसी कंपनियां निश्चित सदस्यों से किस्तों में रकम जमा कराती हैं और 12 माह से छह साल तक की निश्चित समय अवधि के बाद चिट के जरिए ड्रा निकाले जाते हैं। हालांकि,अगस्त 2009 से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने चिटफंड कंपनियों पर जमा स्वीकार करने पर प्रतिबंध लगा दिया था।

अधिकतर लोग  जानकारी के अभाव में ठगो के बहकावे मे आ जाते है।
इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के चेयरमैन संदीप भटनागर के अनुसार सबसे ज्यादा ठगी के शिकार ऐसे लोग होते हैं जिन्हें संबधित योजन की कोई जानकारी नहीं होती।

उन्होंने कहा है कि अगर कोई कंपनी चार साल में पैसा दोगुना करने का ऑफर दे रही है तो समझ जाना चाहिए कि कंपनी फ्रॉड कर रही है।

इन ठगो का सीधे तौर पर पुलिस से कोई मतलब नही होता लेकिन फिर भी पुलिस की बिना किसी सहायता के इस गोरखधंधे को अंजाम नही दे सकते ।

हकीकत यह है कि राजधानी में गली-गली मे खुली कंपनियां पुलिस की मदद के बगैर चल ही नहीं सकती। ठगी की कमाई में स्थानीय थाने की पुलिस का भी हिस्सा तय होता है।

थानों के दलालों के जरिए कंपनी संचालक पुलिस से संपर्क करते हैं। इसके बाद कंपनी के ऑफिसों पर होने वाले झगड़े-झंझट से पुलिस नजरें फेर लेती है।

अगर आपके पास भी मल्टी लेवल मार्केटिंग (MLM) से जुडी कुछ जानकारी है या फिर आप विचार शेयर करना हैं तो कमेंट बाक्स मे जाकर कमेंट कर सकतें हैं।

सब्सक्राइब करें Networking Eye - MLM News

बस एक क्लिक के साथ कुछ ही सेकंड्स में सब्सक्राइब करें न्यूज़लेटर!

शेयर करें :

  • Click to share on X (Opens in new window) X
  • Click to share on Facebook (Opens in new window) Facebook
  • Click to share on WhatsApp (Opens in new window) WhatsApp
  • More
  • Click to email a link to a friend (Opens in new window) Email
  • Click to print (Opens in new window) Print
  • Click to share on LinkedIn (Opens in new window) LinkedIn
  • Click to share on Reddit (Opens in new window) Reddit
  • Click to share on Pinterest (Opens in new window) Pinterest
  • Click to share on Telegram (Opens in new window) Telegram

Related

Filed Under: MLM समाचार, चिट फंड समाचार Tagged With: Chit Funds Act 1982, five hundred million fraud, Institute of Chartered Accountants, Magnum, Prsist IPTA Vikeyr Apex, Sandeep Bhatnagar, Tisca Holdings Pty Ltd  

Leave a ReplyCancel reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

ताज़ा खबर

  • एल्फिन ई-कॉम के फरार कार्यकारी, बहुकरोड़ धोखाधड़ी में शामिल, गिरफ्तार किए गए
  • फिल्म निर्माता चंद्रकांत शर्मा ने निवेशकों को ठगा
  • एमवे इंडिया अगले 2 सालों में भारत में 100 करोड़ रुपये का करेगी निवेश
  • E-Commerce/MLM उपभोक्ता के अधिकारों की रक्षा के लिए नया उपभोक्ता संरक्षण कानून-2019
  • FIDSI ने प्रत्यक्ष बिक्री/MLM को PCMCS Act से बाहर करने की मांग की

Post MLM Ads

Recent Comments

  • Anchalee Boonchu on Contact Us
  • Blog4uu on MLM में शीर्ष 10 कंपनियों की धूम
  • Prashant singh on कैसे बने MLM/डायरेक्ट सेलिंग मे जीरो से हीरो ?
  • Chandra Shekhar Tiwari on कैसे शुरू करें MLM/डायरेक्ट सेलिंग मे अपना व्यापार
  • Dinesh Kumar on KWIL कंपनी ने उगाहे झारखंड से 300 करोड़

Copyright © 2014–2025 · NetworkingEye.com

About Us · Privacy Policy · Cocky Policy · Terms & Conditions