Multi Lavel Marketing मे अब व्यवसायिक कंपनियो की साख दिन-ब दिन नीचे गिरती जा रही है,और गिरे भी क्यों न। क्योंकी अब MLM के बाज़ारो मे संदिग्ध कंपनियां नई-नई ponzy schemes लेकर बाज़ारो मे उतरती है। और लोगो को करोड़ो रुपयो का चूना लगाकर रातो रात रफ्फू-चक्कर हो जाती है। नतीजन इससे उपभोगताओ का विशवास, ईमानदारी से व्यवसाय करने वाली कंपनी पर से भी उठ जाता है। इस बाबत Consumer policy विशेषज्ञों के मुताबिक वास्तविक कंपनियों और आम उपभोक्ताओं दोनो के हितो की रक्षा के लिए राज्य सरकार द्धारा direct selling उदयोग को मजबूत करने के लिए कठोर कानून बनाने की आवशयकता है।
जानकारी के अनुसार गत दिनो policy expert Bejon Misra, ने Micro Small and Medium Enterprise (MSME) के Secretary Panchanan Das को ज्ञापन सौंपते हुऐ कहा था कि direct selling मे national task-force द्धारा राज्य को भारी कर तो मिलेगा ही इसके साथ-साथ कुछ ऐसे regulatory framework तैयार करने होंगे जिससे की न केवल व्यापार को मजबूत मिलेगी बल्कि आम आदमी भी स्व-रोजगार कर सकेगा।
Multi Lavel Marketing मे direct selling की राष्ट्रीय औसत 12 प्रतिशत है ।और इसकी तुलना मे उड़ीसा मे 15 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की है। जबकी पुरे भारत की औसत 100 करोड़ से ज्यादा की है।
यह कानुन लागू होने से ग्राहकों के अलावा, लाखो MLM distributors को आय के लिए अतिरिक्त इंकम कमाने का भी मौका मिल जाएगा। direct selling व्यापार मे 60 फीसदी महिलाएं शामिल है। भारत में लगभग 1 करोड़ 40 लाख distributors direct selling कंपनी से जुड़े हुऐ है, और यह लोग मिलकर 7 करोड़ ग्राहको को अपनी सेवाऐं दे रहे है।
Indian Direct Selling Association ( IDSA) के समारोह के दौरान Misra ने मुद्धा उठाया था की direct selling जो की एक आंतरिक व्यापार माना जाता है। इसमे भी एक कानुन बनना चाहिए। MLM मे कानुन न होने की वजह से आज direct selling मे 3000 से भी ज्यादा MLM कंपनीयां गैर-संगठन के काम कर रही है। अभी तक MLM मे IDSA से जुड़ी हुई कुछ कंपनी इस प्रकार है जैसे की Amway, Avon, Oriflame. सहित 20 कंपनी इसकी सदस्य है।
अगर आपके पास भी मल्टी लेवल मार्केटिंग (MLM) से जुडी कुछ जानकारी है या फिर आप विचार शेयर करना हैं तो कमेंट बाक्स मे जाकर कमेंट कर सकतें हैं।
Leave a Reply