भारतीय रिजर्व बैंक(RBI) ने महंगाई को ध्यान में रखते हुए मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया है लेकिन ये कहा है कि मुद्रास्फीति ज्यादा तेजी से नीचे नीचे की ओर खिसक रही है जिसके चलते दरों में कटौती की जा सकती है। जिसके बाद केंद्रीय बैंक ने अपनी दूसरी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में बैंकों के सांविधिक तरलता अनुपात (एस.एल.आर.) में आधा प्रतिशत कटौती करने की घोषणा की है।जो 14 जून से अमल मे लाया जाएगा।
इस कदम से बैंकों के पास 40,000 करोड़ रुपए के अतिरिक्त नकदी हर समय मौजूद रहेगी। जिससे लोगो को कर्ज के लिए इधर उधर धुमना भी नही पडेगा बैंक से सीधे तौर पर ऋण लेना आसान हो जाएगा। साल का यह दुसरा रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन का बडा़ फैंसला है जिससे लाखो लोगो को सीधा ही लाभ मिलेगा और साथ राजन ने नीतिगत दरों में ऐसा कोई अन्य बदलाव किया है जिससे लोगो को कोई नुकसान उठाना पड़े इसके साथ रेपो दर को 8 प्रतिशत और नकद आरक्षित अनुपात (सी.आर.आर.) को चार प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा गया है।
नीतिगत दरों में बदलाव न होने के चलते ब्याज दरों में कमी आने की उम्मीद पुरी तरह से खत्म हो चुकी है जिससे उद्योग जगत में मायूसी छा गई है। राजन ने यह भी कहा है कि यदि अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति अनुमान के अनुरूप बनी रहती है तो नीतिगत दरों में सख्ती की जरूरत नहीं होगी। लेकिन दूसरी तरफ अगर मुद्रास्फीति में गिरावट आती है तो इससे नीतिगत उपायों में भारी बदलाव किया जा सकता है।
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