दुनिया भर मे नेटवर्किंग का व्यापार आसमान छुता जा रहा है। छोटे से छोटा और बड़े से बडा व्यापार भी नेटवर्किंग द्धारा किया जाता है। लोग इस कारोबार को ठगी के लिए भी इस्तेमाल कर रहे हैं। निवेशक भी ऐसे ठगो के झांसे मे आकर अपने खुन पसीने की कमाई खो बैठे। ठगी की भनक पडती उससे पहले ही उक्त कंपनी के कार्यालय पर ताला लटकाकर फरार हो गऐ। आपकी जानकारी के लिए बतां दे कि Green ray International नामक कंपनी द्धारा उपभोक्ताओं को हीरे के व्यवसाय में रकम लगाने पर शेयर के रूप में प्रतिमाह हजारों लाखो रुपए कमाने के झांसे मे ले लिया। झांसे में आकर लगभग 300 लोगों ने करोड़ों रुपए कंपनी के घंटाघर स्थित कार्यालय में जमा करा दिऐ, इससे पहले ठगी की भनक पड़ती दो माह पहले ही उक्त कार्यालय में ताला लटकाकर कंपनी के कर्मचारी करोड़ों रुपए के साथ चंपत हो गए। घटना का शिकार हुए उपभोक्ता अब कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। ठगी का शिकार हूऐ लोग अब आशंका जता रहे है कि वह अब इंसाफ के लिए कोर्ट का सहारा लेंगे।
सोने चांदी का रॉ मैटेरियल मे करती है व्यापार
निवेशको को कंपनी के कर्मचारियो द्धारा बताया गया था की कंपनी सोने, चांदी व हीरे का रॉ मैटिरियल की खरीदी करती है। फिर उसे सही आकार देकर मार्किट मे उचित भाव मे बेचकर निर्धारित हिस्सा कंपनी में रकम जमा करवाकर उससे होने वाला फायदा उपभोक्ताओं को दिया जाता है। इस कारोबार से घर बैठे ही हजारों रुपए प्रतिमाह की आमदनी हो सकती है। कंपनी के कर्मचारियों द्वारा प्रचार-प्रसार के साथ-साथ क्षेत्र में एजेंट भी तैयार किए गए। कंपनी के कर्मचारियों द्वारा एजेंटों को भी पूरे विश्वास में लिया गया। इसके साथ ही एजेंट कंपनी में रकम लगाने वाले ग्राहकों की तलाश में जुट गए। इसके एवज में एजेंटों को भी अच्छी-खासी आमदनी होने लगी।
अब तक 300 लोगो को करोड़ो का चुना
दुसरी तरफ निवेशको को झांसे मे लेकर पहले तो उन्हे पुरी तरह अपने झांसे मे ले लिया, फिर लोगो को भी कंपनी पर विश्वास हो गया तत्पश्चात निवेशको ने 1 से 25 लाख तक की राशि कंपनी के एजेंटो के हवाले कर दिऐ। इससे कुछ दिनो के भीतर ही 300 निवेशको ने करोड़ो रुपए कंपनी मे जमा करवा दिऐ। कुछ समय तक तो कंपनी ने लोगो के बैंक खातो मे पैसे भी ट्रासंफर भी करे। अचानक दो माह पूर्व उक्त कंपनी के घंटाघर स्थित कार्यालय में ताला लग गया। जब इसकी भनक कंपनी के ग्राहकों को हुई, तो उन्होने वहां पदस्थ प्रबंधक से भी संपर्क किया, लेकिन पता चला की पहले ही फरार हो चुका था।
मामले मे पीडित निवेशको ने ग्रीन रे के कार्यालय का घेराव किया। यहां उनके द्वारा रकम जमा कराने वाले कुछ एजेंटों से भी चर्चा की गई, लेकिन कोई ठोस फैसला सामने नहीं आ सका। लगभग 300 लोगों का ढाई से 3 करोड़ की जमा पूंजी खतरे में पड़ी हुई है। अब इसे वापस पाने के लिए पुलिस विभाग से भी मदद ली जाएगी। बहरहाल इस घटना के बाद एक बार फिर शहर में अवैध रूप से चल रहे नेटवर्किंग कारोबार का खुलासा हो सका है।
RBI के निर्देश के बाद भी चल रही है चिटफंड कंपनी
मुख्य शहरो के साथ सात उप नगरीए क्षेत्रो मे भी अन्य चिटफंड कंपनिया बे-रोक टोक संचालित की जा रही है जिन्हे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के आदेश पर पाबंदी लगा दी गई है । बावजूद इसके कंपनी द्वारा क्षेत्र के लोगों को अधिक मुनाफा कमाने का लालच देकर रकम जमा कराया जा रहा है। इसके लिए बकायदा एजेंटों की नियुक्ति भी की गई है। खास बात यह है कि इस तरह के फर्जी कंपनियों का खुलासा होने के बाद भी लोग लापरवाही बरत रहे हैं। यदि शहर में ही संचालित कंपनियों की जांच की जाए, तो कई फर्जी कंपनियों का खुलासा हो सकता है। इसके साथ ही लोगों को अपनी मेहनत की कमाई को बचाने में मदद मिल सकेगी।
पुलिस व प्रशासन मामले मे बरत रही है कोताही
जिलो मे चल रही ऐसी अवैध और पोंजी स्कीम संचालित करने वाली कंपनी की वजह से लाखो लोगो को करोडो रुपए का नुकसान झेलना पड़ रहा है। इससे एक ओर जहां शासन को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है, दूसरी ओर अवैध कारोबार में संलिप्त लोगों को कमाई का आसान जरिया मिल चुका है। ऐसे में इस तरह के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने पुलिस व प्रशासन को पहल करनी होगी, ताकि लोगों को नुकसान से बचाया जा सके। गौरतलब है कि ओडिशा व पश्चिम बंगाल में शासन द्वारा ऐसी शिकायतें लगातार आने पर चिटफंड कंपनियों के ऊपर प्रतिबंध लगाना पड़ा है।
अगर आपके पास भी मल्टी लेवल मार्केटिंग (MLM) से जुडी कुछ जानकारी है या फिर आप विचार शेयर करना हैं तो कमेंट बाक्स मे जाकर कमेंट कर सकतें हैं।
UPENDRA PRASAD RATH says
Dear Sir,
Save innocent Indians from Greenray International Ltd through your advertisement. C B I has detailed SIT for investigation vide SC of India judgement dt 09 May 2014 of case No 413/2013.
Regards.