HBN – करोड़ों की ठगी का आरोपी दिल्ली से फरार
छत्तीसगढ़ में चिटफंड कंपनी का जाल फैलाकर करोड़ों की ठगी करने वाला एचबीएन का डायरेक्टर हरमिंदर सिंह शरण दिल्ली के अस्पताल से फरार हो गया।
पुलिस ने उसकी फरारी पर पर्दा डाला और चुप्पी साध ली। पड़ताल में खुलासा हुआ कि करोड़ों की ठगी करने वाला वांटेड पुलिस की लापरवाही के कारण भाग निकला।
हरमिंदर को दिल्ली पुलिस ने 24 जनवरी को दिल्ली एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया था। वह चीन भाग रहा था। दिल्ली पुलिस ने रायपुर पुलिस के इनपुट पर ही उसे गिरफ्तार किया था। उसके पकड़े जाने के अगले ही दिन 25 जनवरी को हर्षमंदर के बारे में पुलिस को खबर मिल गई।
पुलिस की टीम उसे अपने कब्जे में लेने के लिए रायपुर से रवाना हुई, लेकिन ट्रांजिट रिमांड नहीं होने के कारण दिल्ली पुलिस ने उसे रायपुर पुलिस के हवाले नहीं किया। रायपुर पुलिस जब तक ट्रांजिट रिमांड लेकर पहुंची आरोपी ने अपने स्वास्थ्य का हवाला देकर दिल्ली के एक न्यायालय से अंतरिम जमानत ले ली।
13 फरवरी को रायपुर की अदालत ने उसका गिरफ्तारी वारंट जारी किया। उसके बाद भी पुलिस की टीम तुरंत उसे गिरफ्तार करने नहीं गई। मार्च के पहले सप्ताह में यहां से टीम भेजी गई। पुलिस के पहुंचने तक हरमिंदर फरार हो चुका था। अपनी नाकामी छिपाने के लिए पुलिस के अफसरों उसकी फरारी को उजागर नहीं किया और गुपचुप तरीके से उसकी गिरफतारी के प्रयास शुरू कर दिए। हरमिंदर के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है।
80 करोड़ की धोखाधड़ी
पुलिस को अभी तक की पड़ताल से यह संकेत मिले हैं कि एचबीएन ने पूरे प्रदेश में 80 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की है। अकेले राजधानी में उसने लोगों को झूठा झांसा देकर 40 करोड़ वसूल किए। उसने एक निर्धारित समय में पैसे देने का वादा किया था। समय अवधि पूरी होने के बाद भी जब पैसे नहीं मिले तब लोग एक-एक कर थाने पहुंचे। पुलिस ने जांच पड़ताल के नाम पर देरी की और आरोपी को भाग निकलने का पूरा मौका मिल गया। विशेष अनुसंधान सेल इस केस की जांच कर रही है।
हालांकि पूरा मामला उजागर होने के बाद जिला प्रशासन ने भी शासकीय जांच समिति बनाई थी। जिसने 14 करोड़ रुपए लोगों का वापस दिलवाए थे। उसके बाद आरोपी पूरा बोरिया बिस्तर समेटकर भाग निकला।
संपत्ति कुर्क सिफारिश की
आईजी जीपी सिंह एचबीएन की सारी संपत्ति को कुर्क करने की सिफारिश की है। इस पर फैसला नहीं हो सका है। एचबीएन का दिल्ली में आलीशान होटल, घर, ऑफिस के अलावा हरियाणा और रायपुर में भी प्राइम लोकेशन पर प्रापर्टी है। अब तक नहीं हुई गिरफ्तारी पुलिस ने कंपनी के डायरेक्टर हर्ष मंदर सिंह शरण, उसकी प|ी अमनदीप सिंह शरण, जसवीर कौर, मंजीत कौर, दलजीत सिंह, सुखदेव ढिल्लन, राजीव कुमार, उषा रानी तोमर, राकेश तोमर और अन्य लोगों के खिलाफ राजेन्द्र नगर थाने में 2014 में केस दर्ज किया है। इस मामले को एक साल से ज्यादा हो गया है, लेकिन अब तक नहीं किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
हार्ट प्राब्लम बताकर ली थी अंतरिम जमानत
हरमिंदर ने दिल्ली में पकड़े जाने के बाद तुरंत ही बीमारी का हवाला देकर खुद को अस्पताल में भर्ती करवा लिया। उसी दौरान रायपुर पुलिस वहां पहुंची। ट्रांजिट रिमांड नहीं होने के कारण एक-दो दिन गुजर गए। इसके पहले कि पुलिस ट्रांजिट रिमांड लेकर वहां पहुंचती, हर्ष मंदर को वहां की अदालत से अंतरिम जमानत मिल गई। पुलिस की टीम को लौटना पड़ा।
रायपुर में पिछले महीने की 10 तारीख को उसकी पेशी हुई। उसकी ओर से पैरवी करने के लिए वकील पहुंचे। उन्होंने बीमारी का हवाला दिया। उसके बाद भी पुलिस ने तीन दिन बाद 13 फरवरी को उसकी गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया। इसके बाद भी पुलिस की टीम उसे गिरफ्तार करने मार्च के पहले सप्ताह में गई। माना जा रहा है कि इस दौरान हर्ष मंदर को भागने की प्लानिंग करने का पूरा मौका मिल गया और वह फरार हो गया।
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