HBN SCAM – पुलिस ने दी गृहमंत्री को गलत जानकारी
रायपुर. चिटफंड कंपनियों पर कार्रवाई को लेकर रायपुर पुलिस ने गृहमंत्री को गलत जानकारी दी. पुलिस मुख्यालय में एचबीएन कंपनी की शिकायत लेकर पहुंचे पीड़ितों के साथ अफसरों ने बैठक की. तब इसका खुलासा हुआ. जमाकर्ताओं को रुपये नहीं लौटने के आरोप में एचबीएन कंपनी के खिलाफ दिसंबर 2013 में दर्ज मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर पुलिस पर पहले ही आरोप लग रहे हैं.
दूसरी तरफ एएसआई स्तर के एक अधिकारी के भरोसे पूरी जांच छोड़ दी गई. इसे लेकर भी पीड़ित पक्ष द्वारा संदेह व्यक्त किया जा रहा है. अब जांच में लापरवाही के लिये उक्त एएसपीआई को निलंबित करने पर भी अफसरों की भूमिका पर सवाल खड़े किये गये हैं. जांच के दौरान डायरेक्टरों को भारत से भागने से रोकने के लिये लुक आऊट सर्कुलर जारी किये गये. पुलिस ने कई बार दिल्ली में घेरेबंदी की लेकिन आधा दर्जन डायरेक्टरों में से एक को भी गिरफ्तार नहीं किया जा सका.
इस बीच कंपनी ने रायपुर कोर्ट में आवेदन प्रस्तुत करके रायपुर दफ्तर की सील खोलने का आग्रह किया. कंपनी ने लिखित जानकारी दी कि वह निवेशकों को भुगतान करेगी. आरोप है कि कंपनी के लोगोें ने कोर्ट के निर्देश का पालन नहीं किया. 2014 में पीड़ितों के साथ कंपनी ने एक बार पुन: धोखाधड़ी की. साल भर में 28 करोड़ रुपये के पोस्ट डेटेड चेक निवेशकों को जारी किये गये जबकि कंपनी के खाते में उक्त अवधि में रकम थी ही नहीं.
करोड़ों के चेक बाऊंस
आरोप है कि कंपनी ने इस तरह निवेशकों के साथ दूसरी बार धोखाधड़ी की. लेकिन पुलिस ने भी कंपनी वालों को संरक्षण देते हुये गृहमंत्री को बताया कि पीड़ितों को 28 करोड़ का भुगतान किया गया है. विधानसभा में गृहमंत्री ने सदन को यह जानकारी भी दी लेकिन आज तक पीड़ितों को उक्त राशि नहीं मिली है. सच्चाई यह थी कि निवेशकों को केवल चेक दिये गये. राशि नहीं मिली और बैंक में जब चेक लगाये गये तो वे बाऊंस हो गये. अब तक कंपनी के 10 करोड़ रुपये से ज्यादा के चेक बाऊंस हो चुके हैं. और यह सिलसिला अभी थमा नहीं है.
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