कालाधन मामले में स्विट्जरलैंड सरकार ने भारत में चल रही जांच से जुड़े एक और नाम का खुलासा किया है। इस खुलासे में कहा गया है कि उसे इंदौर की टेक्स्टाइल फर्म नियो कॉर्प इंटरनेशनल लि. के बारे में जानकारी देने का आग्रह पत्र मिला है। 1985 में इस कंपनी ने अपना कामकाज बुनाई वाले छोटे थैले के निर्माण से शुरू किया था, जो अब बहुराष्ट्रीय टेक्निकल टेक्स्टाइल ग्रुप होने का दावा करती है। इस कंपनी के खिलाफ कथित कर चोरी के आरोप में आयकर विभाग ने फरवरी में विभिन्न परिसरों पर छापेमारी की थी।
कालाधन पर अंकुश लगाने के लिए स्विट्जरलैंड से प्रशासनिक सहायता तथा सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए हुए समझौते के तहत भारत सरकार ने स्विस बैंकों में संदिग्ध तौर पर कालाधन जमा करने वाले कई लोगों और कंपनियों के बारे जानकारी मांगी है। इस कड़ी में स्विस सरकार ने अपने आधिकारिक गजट में नियो कॉर्प का नाम प्रकाशित किया है। मालूम हो कि अब तक करीब दर्जन भर ऐसे नामों का खुलासा किया जा चुका है, जबकि भारत की ओर से किए गए कई और आग्रह अभी स्विस अधिकारियों के पास लंबित हैं।
क्या है प्रक्रिया
स्विस सरकार द्वारा अधिसूचना जारी करना संबंधित व्यक्ति के बारे में सूचना साझा करने की पहली कड़ी होती है। उसमें व्यक्ति को अपील करने का अधिकार होता है। लेकिन इससे यह माना जाता है कि स्विस सरकार उक्त मामले में जानकारी साझा करने को सिद्धांततः राजी है।
आगे क्या होगा
स्विस सरकार द्वारा मंगलवार को जारी अधिसूचना के अनुसार नियो कॉर्प को जानकारी साझा करने के खिलाफ अपील करने के लिए 30 दिनों का समय मिलेगा। स्थानीय कानूनों के मुताबिक स्विस फेडरल टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा “प्रशासनिक सहायता” उपलब्ध कराने को चुनौती दी जा सकती है। इसके तहत स्विस फेडरल एडमिनिस्ट्रेटिव कोर्ट में आगे की जानकारी साझा नहीं करने के बाद कारण और सबूत पेश करने होते हैं। उसके आधार पर यह तय होता है कि आगे की सूचना साझा की जाए या नहीं।
कंपनी का दावा
कंपनी का दावा है कि उसकी मौजूदगी 28 देशों में है। उसका बाजार मूल्य करीब 134 करोड़ रुपये है। गत वित्त वर्ष में उसका राजस्व 744 करोड़ रुपये तथा शुद्ध लाभ 30 करोड़ रुपये रहा।
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