सांई प्रसाद ग्रुप ऑफ कम्पनीज के कारनामे अब थमने का नाम नही ले रहे है। ऐसा कोई भी दिन नही गुजरता जब इस कंपनी के खिलाफ पुलिस प्रशासन व जिला कलेक्टर से निवेशकों ने शिकायत दर्ज करने की अपील न कि हो इतना ही नही लोगो ने कंपनी पर अवैध व्यापार करने का आरोप लगाया है और जांच करके दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की जा रही है।
कलेक्टोरेट के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि चुनाव के चलते इस कंपनी की जांच को जिला कलेक्टर भरत यादव ने थोड़ा हल्के मे रखा था। परन्तु अब ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे कि ग्वालियर व इंदौर संभाग मे इस कंपनी के खिलाफ हुई कठोर कार्यवाही को संज्ञान मे लेते हुए यादव कुछ ही दिनो मे इस कंपनी के दोषियों के खिलाफ गंभीर आदेश जारी कर सकते हैं।
जैसे की जानकारी मिली है कि गत माह फरवरी में कई सारे लोगों ने जन-सुनवाई के दौरान जिला कलेक्टर से अपने जमा रूपये वापस दिलाने की मांग की थी जिसकी जांच भी हुई है। लिखित शिकायत में शिकायतकर्ता कालका प्रसाद बघेल ने अभिनव रघुवंशी उर्फ पप्पू ब्रांच मैनेजर सिवनी के खिलाफ राशि गबन करने का आरोप लगाया है।इसके अलावा भी कई निवेशकों में से एक अन्य महिला आवेदक ने जिला कलेक्टर के समक्ष लिखित शिकायत मे आरोप लगाया गया है कि साई प्रसाद ग्रुप ऑफ कंपनीज द्वारा सिवनी जिले मे गत छः वर्षों से करोड़ों रूपयों का व्यवसाय केवल ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों से दलालों के द्वारा करवाया गया है, और हाल ही मे पता चला है कि इस कंपनी ने पूर्व में जिन योजनाओं के तहत एफ.डी. व आर.डी. निवेशकों से जमा करवाई थी अब उस राशि को निवेशकों को बताये बगैर साई प्रसाद कॉर्पाेरेशन एवं सोसायटी में ट्रान्सफर किया जा रहा है।
वहीं दुसरी तरफ निवेशकों को दिये गये सर्टिफिकेट दलाल वापस लेकर नऐ सर्टिफिकेट जारी करने को कह रहे है। उक्त कंपनी द्वारा 6 से साढे़ 6 वर्ष के भीतर निवेशको द्धारा जमा की गई रकम का तीन गुना से भी ज्यादा वापसी देने की पालिसी प्रदान बनाई गई थी, जिसे प्रस्तुत भी किया गया है। लोगो ने यह भी आरोप लगाया है कि यह संस्था पूर्ण रूप से बैंकिंग कार्य कर रही है। जिस वजह से निवेशको को उनकी रकम की वापसी असंभव सी लग रही है।
उल्लेखनीय है कि शिकायतकर्ताओं द्वारा, उनके जमा रूपयों को वापस दिलाने की कार्यवाही करे बगैर प्रशासनिक अनुमति के करोड़ों का व्यापार करवाने वाले कंपनी के अधिकारी अभिनव रघुवंशी उर्फ पप्पू सिवनी मैनेजर, के.एस.मिश्रा रीज़नल मैनेजर जबलपुर एवं राजेश मिश्रा जेड.एम.भोपाल के विरूद्ध कार्यवाही कर इस व्यवसाय को बंद कराकर जिले के लोगों को लुटने से बचाने की मांग भी की गई है।
जिला कलेक्टर को दिये गये कंपनी के दस्तावेजों से यही बात साबित होती है कि यह कम्पनी साढे छः साल में ही जमा रूपयों को तीन गुना कर देती है, जो कि जांच का एक गंभीर विषय बना हूआ है। यही नहीं कंपनी द्वारा पूरा लेनदेन बैंकिंग कार्य पद्धति की तर्ज पर किया जाता है। इसके पुख्ता प्रमाण भी (जैसे नगद जमा पावती व रसीद) शिकायतकर्ताओं के द्वारा जिला कलेक्टर एवं अखबारों को भी दिए गए हैं।
“बगैर आर.बी.आई. की अनुमति के कोई भी संस्था या कंपनी एफ.डी. व आर.डी. का व्यवसाय नही कर सकती है, यदि किया जा रहा है तो वह अवैध है जिसकी जांच किया जाना अत्यंत आवश्यक है “
” पंकज शर्मा, वरिष्ठ अधिवक्ता “
” यदि ऐसा व्यवसाय साई प्रसाद ग्रुप ऑफ कंपनीज द्वारा किया जा रहा है तो विधिवत प्रत्येक छः माह या वर्ष में कम से कम एक बार प्रशासन द्वारा जमा लेनदेन पर ऑडिट जरूरी है, जो की कंपनी नहीं कर रही होगी तो यह गंभीर जांच का विषय है “
” वीरेन्द्र सोनकेशरिया, वरिष्ठ अधिवक्ता “
” मैंने साई प्रसाद ग्रुप ऑफ कंपनीज के कार्यालय जाकर जिला कलेक्टर के आदेशानुसार जांच कर फाईल उन्हें सौंप दी है “
” के.सी.परते, एसडीएम सिवनी “
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Ravi Raj Shetty says
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