रायपुर मे इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय ने उच्च किस्म की कुटकी नामक फसल विकसित की है। जिसमें आयरन की तीन गुना तक मात्राऐं मौजूद है। बीएल-4 नामक पदार्थ से 100 ग्राम अनाज में 28.3 मिलीग्राम आयरन का मात्रा होती है। इसमे अन्य फसलों के मुकाबले अधिक आयरन की मात्रा मौजूद है। इस फसल से हर वर्ग के लोगों को सुनिश्चित मात्रा में आयरन मिलेगा जिससे शरीर में होने वाली आयरन की कमी को दूर किया जा सकेगा।
क्या है कुटकी
कुटकी एक नऐ किस्म का पौधा है,जिसकी औसत ऊंचाई 109.2 सेमी तक है और दाने का रंग गहरा सुनहरा तथा चावल का रंग सफेद है। संधि व पर्व संधियों पर कोई धब्बा या रंग न होकर हरे रंग लिये हुए हैं। बालियां झुकी व सधी हुई होने के कारण बीएल-4 उच्च उत्पादकता वाली श्रेणी के अंतर्गत आती है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि वर्ष 2014-15 में सेन्ट्रल वेराइटी रिलीज कमेटी द्वारा इस किस्म को नोटीफाई कर दिया जाएगा। कुटकी एक कम वर्ष वाली फसल है, जो कि छत्तीसगढ एवं देश के अन्य असिचिंत खेती वाले भू-भागों के लिए बहुत ही उपयुक्त है। इस किस्म का विकास वैज्ञानिक डॉ. एनएस तोमर, डॉ. अभिनव साव एवं डॉ.आदिकांत प्रधान द्वारा किया गया। जिसका औसत उत्पादन 25-27 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। इसी प्रकार इंदिरा कोदो-1 किस्म विकसित की गई, जिसका औसत उत्पापदन 25-26 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है
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