अब कर से सबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी लेने के लिए आपको अपना समय बर्बाद करके आयकर विभाग के कार्यालय पर धक्का मुक्की नही करनी पडेगी। क्योंकी अब ऐसी सारी जानकारी आयकर विभाग आपके ई मेल और फोन पर भेजेगा। इस पर विभाग आगे की कार्यवाही कर ऑनलाइन रिटर्न फाइलिंग सिस्टम में बदलाव पर काम चल रहा है। इसमे मामंला चाहे रिटर्न जमा होने के बाद करदाता का रिफंड का हो, या फिर कोई और समस्या उत्पन्न हुई हो, या फिर रिटर्न के साथ दिए गए स्टेटमेंट में सुधार की आवश्यकता बन रही हो,ऐसे सभी मामले की जानकारी सीधे आपके ई मेल या फिर आपके फोन पर दे दी जाएगी।
उल्लेखनीए है कि अभी तक तो मामले मे आयकर विभाग करदाता से संपर्क करने के लिए पहले तो चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) से संपर्क साधना पड़ता था, क्योंकि ज्यादातर रिटर्न फार्म में मोबाइल नंबर और ई-मेल सीए के खुद के होते थे। लेकिन अब इस नई तकनीक के आने के बाद करदाता को सीए के भरोसे नही रहना पडेगा।
मामले मे आयकर विभाग के एक आला-अधिकारी ने कहा है कि अभी तक तो टीडीएस (स्त्रोत पर आयकर) विंग को आती थी। अभी तक तो अधिकतर करदाता या कंपनी अपना समय बचाने के लिए सीए की मदद से रिटर्न जमा करा देते थे। एक-एक सीए 40-50 से लेकर 150 लोगोतक के रिटर्न भरते थे। सब में एक ही मोबाइल नंबर और ई-मेल दिया जाता था।
जिसकी वजह से विभाग से सीधे तौर संपर्क नही हो पाता था, इस नई सुविधा का फायदा भले ही करदाता को पहुंचेगा वहीं इसी सुविधा के कारण सीए को काफी नुकसान पहुंचने वाला है। इतना ही नही करदाता की पहचान भी सुरक्षित व गुप्त रखी जाऐगी। मामले मे विभाग का कहना है कि मौजूदा वित्तीय वर्ष 2014-15 से ही यह व्यवस्था लागू कर दी जाऐगी। यानी की जुलाई माह में रिटर्न नई व्यवस्था के तहत जमा होंगे।
नई व्यवस्था लागू हो गई है। इसमे फिलहाल तो दिक्कत आ रही है क्योंकि पहले हमारे ई-मेल और फोन नंबर से काम हो जाता था। अब नए प्रावधान के बाद उन लोगों के ई-रिटर्न भरने में परेशानी हो रही है, जिनके ई-मेल मौजूद नहीं हैं।
आशीष पाठक, सीए
यह बात सही है कि करदाता की पहचान सुरक्षित होगी और आयकर विभाग उनसे सीधे संपर्क कर पाएगा। इसी वित्तीय वर्ष से व्यवस्था लागू हुई है।
राजेश जैन, सीए
किस तरह से किए बदलाव
- अभी तक तो सीए जितनी बार चाहे कर फार्म मे अपना फोन नम्बर या ई मेल डालता रहा हो, लेकिन अब इस नई सुविधा के साथ सीए केवल अपना ई मेल और नम्बर डाल सकते हैं। यानी कि चार रिटर्न भरने के बाद उसे करदाता का ई-मेल और मोबाइल नंबर ही देना पड़ेगा।
- पहले तो मोबाइल नंबर गलत भी भर दिए जाते थे। जिससे करदाता से सीधे बात नही होती तो शायद ई-मेल सही होंगे।
- ई-मेल और मोबाइल नंबर ही आयकर विभाग के सेंट्रल प्रोसेसिंग सिस्टम (सीपीसी) बैंगलुरू से सीधे मैसेज होगा।
- एक बार इस्तेमाल करने के लिए विभाग पिन कोड देगा। जिससे विभाग की वेबसाइट खुलेगी और करदाता बाद में अपना पासवर्ड बनाएगा।
अगर आपके पास भी मल्टी लेवल मार्केटिंग (MLM) से जुडी कुछ जानकारी है या फिर आप विचार शेयर करना हैं तो कमेंट बाक्स मे जाकर कमेंट कर सकतें हैं।
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