इस तरह लगातार तापमान में बढोतरी के साथ दिल्लीवालों की मुश्किलें और भी बढऩे वाली हैं । क्योंकि बिजली विभाग बी.एस.ई.एस. ने अभी तक एन.टी.पी.सी. को बकाया पैसों का भुगतान नहीं किया है। जिसका खामियाजा दिल्ली वासियों को भुगतना पड़ेगा। एन.टी.पी.सी. 1 जून से इन कंपनियों को बिजली आपूर्ति करने से मना कर दिया है। अगर ऐसा होता है तो पूरी दिल्ली अंधेरे में डूब जाएगी। सबसे बड़ी बात ये है कि इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने भी हरी झंडी दिखा दिया है।
दिल्ली को बिजली सप्लाई करने वाली एन.टी.पी.सी. ने सुप्रीम कोर्ट से बी.एस.ई.एस. यमुना और राजधानी को की जा रही बिजली की सप्लाई को रैग्युलेट करने की इजाजत मांगी थी। एन.टी.पी.सी. का कहना ये कंपनियां जितनी बिजली का उपयोग कर रही है। उसके बदले में उससे कम राशि भुगतान की जा रही है।जबकि जवाब में दोनों कंपनियों का कहना था कि उन्होंने बकाया रकम का बड़ा हिस्सा एन.टी.पी.सी. को चुका दिया है और बाकी पैसा सरकार से मिलने के बाद चुकाया जाएगा । सुप्रीम कोर्ट ने रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह की बिजली वितरण कंपनियों बी.एस.ई.एस. राजधानी तथा बी.एस.ई.एस. यमुना को इस साल जनवरी से खरीदी गई बिजली के एवज में सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली उत्पादन कंपनी एन.टी.पी.सी. को 31 मई तक 690 करोड़ रुपए का भुगतान करने का निर्देश दिया है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया है कि पूरी राशी वसूली जाएगी और साथ में बकाए की वसूली के लिए अलग से निपटा जाएगा।
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